कोटा. भाजपा की अंदरूनी फूट अब सतह पर उजागर होने लगी है. कोटा में भाजपा समर्थित धड़ा खुलकर सामने आ गया. भवानी सिंह राजावत और प्रहलाद गुंजल जैसे भाजपा नेताओं की मौजूदगी में भाजपा राजनीतिक चिंतन शिविर का आयोजन हुआ. जिसमें साफ कहा गया कि वसुंधरा राजे की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी में और प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर हैं. उन्हें भाजपा आलाकमान भी नहीं पूछ रहा है. अपनी पार्टी की मीटिंग के साथ-साथ वसुंधरा राजे विधानसभा से भी नदारद हैं. जबकि पार्टी में उनके प्रतिद्वंद्वियों हाईकमान से सीधे सम्पर्क में हैं.
अब इसी के चलते वसुंधरा खेमा भी सतर्क हो गया है और वह हाड़ौती से ही इसका बिगुल फूंकना चाहता है. रविवार को वसुंधरा राजे के समर्थक पूर्व विधायकों ने कोटा में भाजपा का राजनीतिक चिंतन शिविर आयोजित किया. कार्यक्रम में शामिल हुए नेताओं ने एक स्वर में कहा कि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कोई विकल्प नहीं है.
साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो रहा है. पार्टी का स्तर लगातार गिर रहा है. भाजपा नेताओं ने कहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया का कोई विकल्प नहीं है और हाईकमान को वसुंधरा राजे को प्रोजेक्ट करके राजस्थान में आगे चलना पड़ेगा.
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भाजपा नेताओं ने कहा कि हाल ही में जितने भी चुनाव हुए हैं, सभी में वसुंधरा राजे की उपेक्षा की गई है. लेकिन अब कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. राजनीतिक चिंतन शिविर कार्यक्रम में तय किया गया है कि कांग्रेस सरकार की विफलताओं को लेकर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की अगुवाई में अप्रैल माह में कोटा में 50 हजार लोगों की रैली होगी. जिसमें देश के गृह मंत्री अमित शाह और प्रभारी अरूण सिंह को भी आमंत्रित किया जाएगा.