कोटा.शिक्षा नगरी कोटा एक बार फिर कोविड- 19 के बाद आबाद होने लगी है. यहां से कोरोना की शुरुआत में ही करीब 50 हजार बच्चों को उनके घरों पर पहुंचाया था. बीते महीने जनवरी में कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई शुरू करवाने की अनुमति सरकार ने दे दी है. उसके बाद अब तक करीब 35 हजार बच्चे कोटा पहुंच चुके हैं. वहीं मार्च महीने तक की बात की जाए तो करीब 50 हजार बच्चे कोटा आ जाएंगे, जिनके लिए पूरी तरह से कोटा की कोचिंग सिटी तैयार है.
निजी कोचिंग संस्थान ने अपने क्लास रूम में अल्ट्रावॉयलेट सेनेटाइजेशन सिस्टम लगवाया है, जिसके जरिए जैसे ही बच्चे क्लास से बाहर निकलेंगे, पांच मिनट के लिए लाइट बंद होगी और पूरा क्लासरूम सेनेटाइज हो जाएगा. इसके बाद जब दूसरा बैच आएगा, तो उन बच्चों को किसी भी तरह का कोई वायरस का खतरा इस क्लास रूम में नहीं होगा. कोटा में इस तरह से करीब 100 से ज्यादा क्लास रूम तैयार किए गए हैं.
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ऑफलाइन क्लास के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी
कोविड- 19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही कोटा की ऑफलाइन क्लासेज में स्टूडेंट पढ़ाई कर सकेगा. राज्य सरकार ने भी यही निर्देश जारी किए थे. ऐसे में जो भी बच्चे दूसरे राज्यों से आ रहे हैं, उनकी कोविड- 19 निगेटिव रिपोर्ट ली जा रही है, जिसके बाद ही उन्हें हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके अलावा 31 बेड का अस्पताल भी शुरू किया हुआ है, जिसमें कोचिंग के बच्चों को ही इलाज मिलेगा. संस्थान की तरफ से ही यहां पर डे-केयर में बच्चों को भर्ती भी रखा जाता है.
क्लास की स्ट्रेंथ भी आधी की
निजी कोचिंग संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट नितेश शर्मा बताते हैं कि राज्य सरकार ने आधी क्षमता से क्लासेज लगाने के निर्देश दिए थे. लेकिन उनके संस्थान ने तो आधी से भी कम क्षमता पर ही क्लास संचालित की है. जहां पर पहले 100 से ज्यादा बच्चे एक क्लास में बैठाएं जाते थे, उनकी जगह पर अभी करीब 30 से 40 बच्चे ही बैठाए जाते हैं. इसके अलावा बच्चों की एंट्री से लेकर पूरे कैंपस में यह भी ध्यान रखा जाता है कि कहीं पर भी सोशल डिस्टेंसिंग न टूटे, अगर उन्हें अपनी फैकल्टी से भी बात करनी है तो बीच में प्लास्टिक कवर लगाया हुआ है, जिसके जरिए ही वे अपने डाउट क्लियर वन-टू-वन कर सकते हैं.
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हॉस्टल के मेस में बढ़ा दी प्रोटीन डाइट
पहले जहां पर हॉस्टल्स के मैच में बच्चों को लजीज खाने में तली भुनी चीजें और फास्ट फूड भी उन्हें उपलब्ध कराया जाता था. अब हॉस्टल संचालकों ने इस पर थोड़ी सी पाबंदी कोविड- 19 के चलते लगा दी है. अब बच्चों को हरी सब्जी और प्रोटीन डाइट ज्यादा दी जा रही है. पनीर से लेकर उन्हें दूध और दही जैसी चीजें भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं, ताकि बच्चे अपनी इम्यूनिटी को मेंटेन रख सकें. साथ ही वे कोविड- 19 से लड़ने के लिए भी तैयार रहें. साथ ही मेस में हाइजीन काफी बढ़ा दिया गया है. यहां पर भी बच्चों को नजदीक नहीं बैठने दिया जाता है. उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जाती है.