कोटा.शहर की कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 68 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वाली कम्पनी के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी सहित कई अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. आरोपियों ने रकम दोगुनी करने की एवज में (Chit Fund Company In Kota) लोगों से यह राशि ठगी थी. कई बार प्रयास करने के बाद भी यह राशि वापस नहीं लौटाई गई. मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
अब तक दो मुकदमे दर्ज
कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगा सहाय शर्मा ने बताया कि 10 जनवरी को धर्मेंद्र सुवालका ने एक मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें बताया था कि मेरी जमीन को अपेक्षा ग्रुप (Apeksha Group Kota) के जरिए दुर्गाशंकर मेरोठा, हरिओम सुमन, संजय कश्यप, मुरली मनोहर नामा, प्रदीप सिंह हाड़ा, हिमांशु जैन और ओम सैनी ने खरीदी थी. जिसके 45 लाख रुपए 1 नवंबर 2020 को देना तय हुआ. इसके साथ ही 5 लाख इन्वेस्ट करने के भी दिए थे. इसकी अवधि 1 अप्रैल 2021 को समाप्त हो गई. यह पूरी 50 लाख रुपए की राशि अपेक्षा ग्रुप ने हड़प ली.
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इसी तरह से एक अन्य फरियादी अविनाश पारेता ने 12 जनवरी 2022 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. जिसमें बताया था कि फरवरी 2019 में मेरी मां संतोष बाई पारेता के खाते के चेक योगेश गहलोत को दिए थे. इस दौरान कंपनी के निदेशक मुरली मनोहर नामदेव, हरिओम सुमन, संजय कुमार, योगेश कुलश्रेष्ठ, प्रदीप सिंह हाड़ा, दुर्गाशंकर, सूर्यकांत गुप्ता, भरत राम शर्मा आदि लोग भी मिले थे. इन लोगों ने चेक ले लिए और मुझे 3 वर्ष में रकम दोगुनी करने का झांसा दिया. मैंने इनके झांसे में आकर 21 नवम्बर 2021 तक 18 लाख 60 हजार रुपए दे दिए, लेकिन इन्होंने पैसे हमें वापस नहीं दिए. इस मामले में पुलिस ने बोरखेड़ा निवासी योगेश गहलोत, डीसीएम निवासी संजय कुमार मल्ला और रेलवे वर्कशॉप कॉलोनी निवासी हरिओम सुमन को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अन्य आरोपियों की पड़ताल की गई तो उनका फरार होना सामने आया है.
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अपेक्षा ग्रुप में 38 सदस्य, अधिकांश लोगों के पैसे ठग कर फरार
कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगा सहाय शर्मा का कहना है कि अपेक्षा ग्रुप दुगनी रकम का झांसा देकर इन्वेस्ट करने वाले लोगों से राशि लेकर 3 साल बाद भी नहीं लौटाई गई. इन्वेस्टरों को सस्ती कीमत की जमीन के प्लॉट बताकर उनकी फाइलें दी गई है, लेकिन उस जगह का कोई पता ठिकाना नहीं है. इस तरह से अपेक्षा ग्रुप के सभी सदस्यों ने षड्यंत्र रचकर योजनाबद्ध तरीके से लाखों रुपए इन्वेस्टरों के हड़प लिए हैं. इस ग्रुप में डायरेक्टर सहित 38 सदस्य हैं, जिनमें अधिकांश फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है. गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है.