कोटा. बारां अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और रेमडेसिविर की जगह पानी का इंजेक्शन देने से महिला की मौत के मामले में पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस इंजेक्शन की कालाबाजारी में निजी अस्पताल और कोटा जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं. सरकार कोरोना महामारी से बचाव व रोकथाम के लिए दिन रात जुटी हुई है, लेकिन कुछ निजी अस्पताल संचालक और चिकित्सा विभाग के अधिकारी इस आपदा में भी अवसर ढूंढने में लगे हैं. ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज कर शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए.
शहर के झालावाड़ रोड स्थित कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट के श्रीजी अस्पताल में भर्ती मरीजों के रेमडेसीविर इंजेक्शन की जगह पानी भरकर इंजेक्शन लगा देने के मामले में एक महिला की मौत का मामला सामने आया है. वहीं दूसरा मरीज आईसीयू में गंभीर स्थिति में भर्ती है. इस मामले के चलते पूरे प्रदेश में अस्पताल सुर्खियों में बना हुआ है. पूरे प्रकरण की जांच पुलिस कर रही है क्योंकि कालाबाजारी करते हुए पुलिस ने ही मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर विजय सरदाना की निशानदेही पर डिकॉय ऑपरेशन शुरू किया था.
इस मामले में बारां अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. साथ ही उनसे पूरे प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. विधायक पानाचंद मेघवाल का कहना है कि उन्होंने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी से भी बात की है जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से मेडिकल एंड हेल्थ के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा को पूरी जांच करवाने के संबंध में पत्र भेजा गया है.