राजस्थान

rajasthan

By

Published : Feb 18, 2021, 11:04 PM IST

ETV Bharat / city

कब्रगाहों की जमीन पर भी कब्जा, सात में से चार कब्रिस्तान ही बचे...तीन हुए गुम

बढ़ती आबादी के साथ ही शहर के मंदिर-मस्जिद के साथ ही कब्रिस्तान की जमीनों पर भी अतिक्रमण होता गया और विकास की होड़ में कब्रिस्तान की जमीनों पर भी कब्जे हो गए और इमारतें खड़ी हो गईं. जोधपुर शहर में पहले सात कब्रिस्तान थे जिनमें चार ही बचे हैं जबकि तीन का लोगों को पता भी नहीं.

जोधपुर से कब्रिस्तान पर खबर,  encroachment on graveyard
कब्रिस्तान की जमीनों पर कब्जा

जोधपुर. शहर में मुस्लिम समाज के कब्रिस्तान अतिक्रमण की भेंट चढ़ते जा रहे हैं. हालांकि हाल ही में उदय मंदिर थाने के सामने स्थित कब्रिस्तान से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी की गई लेकिन इसके बाद भी कई इलाकों में कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण बड़ी परेशानी बनी हुई है. यही कारण है कि मुस्लिम समाज इस बात से चिंतित है कि शहर के अलग-अलग इलाकों बड़े कब्रिस्तान की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान समय में इनकी संख्या बहुत कम है. आलम यह है कि पुरानी कब्रों को एक निश्चित समय के बाद खाली कर वहां कुछ समय बाद दूसरों को दफना दिया जाता है.

कब्रिस्तान की जमीनों पर कब्जा

पढ़ें:स्पेशल: हादसों की डगर पर राहगीर...फुट ओवर ब्रिज, फुटपाथ और पेडेस्ट्रियन Walkway की कमी

मारवाड़ मुस्लिम सोसाइटी के सचिव एव मुस्लिम समाज के प्रमुख संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मोहम्मद अतीक का कहना है कि पुराने समय में जोधपुर में 7 कब्रिस्तान हुआ करते थे लेकिन वर्तमान में चार कब्रिस्तान ही बचे हुए हैं. तीन कब्रिस्तान कहां है इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि 200 साल पहले कब्रिस्तान राजाओं ने ही दिए थे, उसके बाद से शहर में नए कब्रिस्तान बनाने के लिए जगह नहीं मिली है, जबकि बढ़ते शहर में अलग-अलग इलाकों में कब्रिस्तान की आवश्यकता है.

नए कब्रिस्तान के लिए जमीन की मांग

पढ़ें:SPECIAL: 75 करोड़ में तैयार हुआ कोटा का दशहरा ग्राउंड, 2 साल में कमाए महज 5 लाख

जोधपुर हज हाउस के पदाधिकारी एवं नगर परिषद के पूर्व सभापति अब्दुल जब्बार का कहना है कि अतिक्रमण कब्रिस्तानों के लिए बड़ी परेशानी है. अतिक्रमण का आलम यह है कि कई प्रमुख मजारें भी हटा दी गईं हैं. इस संबंध में जिला प्रशासन के सहयोग से गत दिनों अतिक्रमण हटाए गए थे, लेकिन अभी भी कई जगह पर कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है.

अब्दुल जब्बार का कहना है कि हम लंबे अरसे से नए कब्रिस्तान की मांग कर रहे हैं. कब्रिस्तानों को मेंटेन करने वाली कमेटी की ओर से सरकार को कई पत्र लिखे गए हैं. हाल ही में सरकार ने नगर निगम उत्तर क्षेत्र की तरफ मोकलवास ग्राम के पास 40 बीघा जमीन कब्रिस्तान के लिए चयनित की है जिसका पत्र हमें मिला है लेकिन हमारी मांग है कि शहर के कई प्रमुख इलाकों जहां कब्रिस्तान नहीं है, वहां भी इसके लिए जगह दी जाए क्योंकि आबादी के विस्तार के साथ-साथ शहर का क्षेत्र भी फैल रहा है. ऐसे में बनाड़ रोड पर भी कब्रिस्तान के लिए जगह मिले.

ABOUT THE AUTHOR

...view details