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डेढ़ साल से रहस्यमयी तरीके से गायब बच्चे की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए याचिका, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट - missing child case

हनुमानगढ़ जिले के रावतसर कस्बे में 14 वर्षीय बालक के रहस्यमयी तरीके से लापता होने के मामले में पुलिस अनुसंधान विफल रहने पर सीबीआई जांच के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर की गई. जिस पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने राज्य सरकार और पुलिस को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

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राजस्थान हाईकोर्ट न्यूज

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Published : Nov 12, 2020, 4:18 AM IST

जोधपुर. हनुमानगढ़ जिले के रावतसर कस्बे में 14 वर्षीय बालक के रहस्यमयी तरीके से लापता होने के मामले में पुलिस अनुसंधान विफल रहने पर सीबीआई जांच के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर की गई. जिस पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने राज्य सरकार और पुलिस को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें:सड़क से अतिक्रमण नहीं हटाने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

लापता बच्चे के पिता सुरेन्द्र कुमार की ओर से आपराधिक रिट याचिका दायर करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजाक के. हैदर व पंकज एस. चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का 14 वर्षीय बालक अभिषेक उर्फ अनुज 28 अप्रैल 2019 को साइकिल लेकर घर से निकला था, जो आज दिन तक वापस नहीं लौटा है. रावतसर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर गुमशुदा की तलाश की, लेकिन पर्याप्त प्रशिक्षण और विशेषज्ञता के अभाव में पुलिस बालक को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. पुलिस के सारे प्रयास विफल रहने की स्थिति में याचिकाकर्ता को न्याय प्रदान करने के लिए विशेष दक्षता रखने वाली जांच एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को प्रकरण की जांच करने का आदेश पारित किया जाए.

प्रारम्भिक सुनवाई के बाद जस्टिस गर्ग ने लोक अभियोजक एस.एस. राजपुरोहित को प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने का अंतरिम आदेश पारित किया. मामले की अगली सुनवाई 7 दिसम्बर को होगी.

किराया नीति को तय नहीं करने पर देव स्थान विभाग को फटकार

राजस्थान उच्च न्यायालय ने देव स्थान विभाग को अभी तक किराया नीति को तय नहीं करने पर फटकार लगाते हुए अगली सुनवाई पर देव स्थान विभाग के सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने लम्बे समय से किराया नीति तय नहीं करने पर नाराजगी जताई.

गौरतलब है कि जोधपुर शहर के मंदिरों की दुर्दशा को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर सरकार को किराया नीति तय करने के निर्देश दिए थे लेकिन समय-समय पर केवल किराया नीति को अंतिम रूप देने को लेकर समय लिया जा रहा है. अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने कहा कि मुख्यमंत्री के समक्ष किराया नीति को अंतिम रूप देने के लिए भेज रखा है लेकिन अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता एमआर सिंघवी की ओर से अधिवक्ता भावित शर्मा ने कहा कि लम्बे समय से केवल समय लिया जा रहा है. इस पर उच्च न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए 4 दिसम्बर को देवस्थान विभाग के सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है.

जेडीए व राज्य सरकार को अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी

राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने लूणी तहसील के ग्राम कालीजाल व निम्बली से जेडीए व राज्य सरकार को अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए हैं. गैर मुमकिन ओरण, गोचर, नाडी, रास्ता, गोवा जैसी भूमि पर अतिक्रमियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था. जिसको लेकर ग्रामवासियों ने राज्य सरकार व जिला कलेक्टर को कई बार प्रतिवेदन भी दिया लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई.

इस पर गणपतसिंह ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका अधिवक्ता विनय जैन व दर्शन जैन के जरिए पेश की. कोर्ट को बताया गया कि इस मामले को लेकर कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किया गया. जिसकी रिपोर्ट में भी अतिक्रमण चिन्हित किए गए 13 मामलों में सिविल न्यायाधीश द्वारा अंतरिम आदेश भी पारित किया गया था. इन आकड़ों को देखने के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी बड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए जेडीए व जिला कलेक्टर को चार सप्ताह में जिन अतिक्रमियों के पक्ष में अंतरिम आदेश नहीं है उनके निर्माण ध्वस्त कर रिपोर्ट पेश करने को कहा.

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