जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने पीपाड-खींवसर स्टेट हाईवे में गांव गजसिंह पुरा के पास से गैर मुमकिन आगोर व गैर मुमकिन नाडी की जमीन से होकर निर्माण करने के मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्टर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. न्यायालय ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीपीपी-पीआईयू-जोधपुर, सार्वजनिक निर्माण विभाग को 22 फरवरी को पेश होने के निर्देश दिए हैं.
याचिकाकर्ताओं गजसिंहपुरा निवासी अशोक जैन, रामदेव, कैलाश राम बेडा व कानाराम आदि की ओर से याचिका पेश कर अधिवक्ता मुक्तेश माहेश्वरी व आईदान चौधरी ने कहा था कि प्रस्तावित हाईवे के लिए गांव के काश्तकारों की भूमि आवाप्ति के आदेश जारी हो चुके थे, लेकिन उनको बदलते हुए अचानक खींवसर को जाने वाली सड़क के निर्माण के लिए राजस्व गांव गजसिंह पुरा के खसरा नंबर 798, 1047, 1054 व 134 की गैर मुमकिन आगोर व गैर मुमकिन नाडी की जमीन को चुना गया जो कि अवैध है. पूर्व में याचिका पर सुनवाई के बाद यथास्थित रखने के आदेश जारी हो चुके हैं.
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राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर नागौर द्वारा राजस्व अदालतों के लिए भूमि आवंटन के लिए जारी आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने डीडवाना बार एसोसिएशन की ओर से महासचिव शिव भगवान व अध्यक्ष की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता जीआर पूनिया ने याचिका में पैरवी करते हुए न्यायालय को बताया कि नागौर जिला कलेक्टर ने राजस्व अदालतों के लिए भूमि आवंटन के लिए एक आदेश 18 मार्च 2020 को जारी किया है. खसरा नम्बर 1029 में राजस्व अदालतो के लिए 14.32 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा रही है जबकि वो खसरा गैरमुमकिन पहाड़ी क्षेत्र के रूप में राजस्व रिकार्ड में दर्ज है. इस पर न्यायालय ने स्टे एप्लीकेशन पर नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. वही जिला कलेक्टर नागौर की ओर से जारी आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए यथास्थिती बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं.