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पाक विस्थापितों को लेकर आमने सामने 'मोदी और गहलोत' सरकार...जानें क्या है पूरा मामला?

राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने पाक विस्थापितों को कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान राशन सामग्री उपलब्ध नहीं होने और वैक्सीन के लिए व्यवस्था करवाने के लिए न्यायमित्र की ओर से जनहित याचिका में पेश किए एडीशनल सब्मिशन पर सुनवाई की. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिये है कि 3 जून को अगली सुनवाई पर केन्द्र सरकार की ओर से जारी SOP की अनुपालना के सम्बंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करे

पीएम मोदी और गहलोत आमने सामने, 'Modi and Gehlot' government face to face
पीएम मोदी और गहलोत आमने सामने

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Published : May 28, 2021, 6:20 PM IST

जोधपुर. राजस्थान में रहने वाले करीब 25 हजार पाक विस्थापितों को राशन उपलब्ध करवाना सरकार का दायित्व है कि इनको राज्य सरकार की ओर से राशन सामग्री उपलब्ध करवाई जाए. केन्द्र सरकार की ओर से जारी SOP की अनुपालना में राज्य सरकार 3 जून को विस्तृत रिपोर्ट उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करे. राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने पाक विस्थापितों को कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान राशन सामग्री उपलब्ध नहीं होने और वैक्सीन के लिए व्यवस्था करवाने के लिए न्यायमित्र की ओर से जनहित याचिका में पेश किए एडीशनल सब्मिशन पर सुनवाई की.

पाक विस्थापितों को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई

उच्च न्यायालय ने केन्द्र और राज्य सरकार से इस सम्बंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित ने तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि जोधपुर में रहने वाले करीब 7.5 हजार पाक विस्थापितों के लिए राशन सामग्री के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. जोधपुर में जिला प्रशासन और नगर निगम उत्तर और दक्षिण ने गुरुवार को ही 200 पैकेट राहत सामग्री का वितरण करवाया है. प्रत्येक पाक विस्थापित को मुफ्त राशन और भोजन की जरूरत नहीं है, क्योंकि कई परिवार आत्मनिर्भर हैं. इसके अलावा भी जिला प्रशासन पूरा प्रयास करेगा.

वहीं, पाक विस्थापितों के वैक्सीन लगवाने के मामले में कहा कि केन्द्र सरकार ने 6 मई 2021 को जो SOP जारी की है उसमें पाक विस्थापित जिनकों नागरिकता नहीं मिली है उनको को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं दिये हैं और ना ही उसमें इनको शामिल करने के निर्देश दिये हैं. ऐसे में केन्द्र सरकार से निर्देश मांगे जा रहे हैं और वहां से निर्देश मिलने पर पाक विस्थापितों को वैक्सीन भी लगवाई जायेगी.

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उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की इस दलील को मानने से स्पष्ट इंकार कर दिया कि SOP में कुछ शेष रहा है, क्योंकि केन्द्र सरकार की SOP में स्पष्ट है कि जिनके पास कोई भी दस्तावेज नहीं है उनको भी वैक्सीन लगाई जायेगी. केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और विपुल सिंघवी के साथ सत्येन्द्र सिंह अपर सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार ने जवाब पेश किया.

केन्द्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि SOP पहले ही जारी कर दी गई है तो पाक विस्थापितों के लिए अलग से कोई निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है. वैक्सीन को लेकर कहा कि केन्द्र सरकार ने 27 मई 2021 तक राजस्थान को वैक्सीन की 1.72 करोड डोज उपलब्ध करवा दी है, जिसमें से 1.67 करोड़ डोज का उपयोग किया गया है. वहीं, 5.20 लाख डोज अभी राज्य सरकार के पास उपलब्ध है. इसके साथ ही अतिरिक्त 8 लाख डोज अभी पाइपलाइन में है जो जल्द ही उपलब्ध करवाई जायेगी. जून माह में राज्य सरकार को फ्रंटलाइन वर्कर के लिए जो 45 वर्ष से ऊपर हैं उनके लिए और 18 से 44 वर्ष के लिए और उपलब्ध करवाई जायेगी. केन्द्र सरकार वैक्सीन के लिए राज्यों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर रही है. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिये है कि 3 जून को अगली सुनवाई पर केन्द्र सरकार की ओर से जारी SOP की अनुपालना के सम्बंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करे. वहीं, प्रत्येक जरूरतमंद को राशन सामग्री और भोजन उपलब्ध करवाया जाए. वहीं, न्यायमित्र सज्जन सिंह राठौड़ ने भी अपनी ओर से पक्ष रखा.

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