जोधपुर. जिला मुख्यालय से बर तक बन रहे फोरलेन हाईवे के लिए बनाड़ से जोधपुर के बीच तय जगह अधिग्रहण नहीं कर तालाब ओरण की भूमि में से हाईवे निकालने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईवे निकालने के विरुद्ध जस्टिस संगीत लोढ़ा व वीनीत माथुर की अदालत में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट मुक्तेवश्वर माहेश्वरी ने खंडपीठ को बताया कि बनाड़ के पास सड़क चौड़ी करनी थी. लेकिन एनएचएआई ने जोधपुर विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर तय प्लान की बजाय तालाब व कैचमेंट एरिया से हाईवे निकालने के लिए जमीन मांगी. जिसे जेडीए ने स्वीकार कर लिया.
तालाब व कैचमेंट क्षेत्र से हाईवे निकालने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से जवाब तलब - एनएचएआई
जोधपुर से बर तक बन रहे फोरलेन हाईवे को बनाड़ क्षेत्र में तालाब और कैचमेंट क्षेत्र से निकालने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार, एनएचआई के साथ ही जोधपुर विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किए हैं. मामले में अगली सुनवाई 6 अगस्त को रखी गई है.
माहेश्वरी ने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तालाब क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है. जबकि इसी तालाब के सौंदर्यीकरण पर जेडीए ने 98 लाख रुपए खर्च किए हैं. इस तालाब से कई गांवों के लोग पानी पीते हैं. ऐसे में अगर कैचमेंट क्षेत्र से हाईवे निकाला गया तो उनको नुकसान होगा. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्कों से सहमत होते हुए कैचमेंट क्षेत्र में हाईवे निर्माण पर रोक लगा दी और राज्य सरकार, एनएचआई के साथ ही जोधपुर विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किए हैं. मामले में अगली सुनवाई 6 अगस्त को रखी गई है.