जोधपुर. प्रदेश भर के गौवंश में फैल रहे लंंपी वायरस को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने आवश्यक निर्देशों के साथ सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास से अवगत करवाने के लिए कहा (High Court on lumpy disease) है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
सरकार की ओर से एएजी संदीप शाह व पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने संक्रमित पशुओं को चिन्हित करने, उनका उपचार व टीकाकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया. न्यायमित्र मोतीसिंह राजपुरोहित ने कोर्ट को बताया कि संक्रमित पशुओं की मौत होने पर उनके शवों का उचित रूप से निस्तारण नहीं किया जा रहा है. पशुओं के शव सड़कों के किनारे व अन्य स्थानों पर इधर उधर पडे़ हैंं, जिनको उचित रूप से हटाया जाना आवश्यक है, नहीं तो यह सभी के लिए खतरा हो सकता है.
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सुनवाई के दौरान पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक भी मौजूद रहे. कोर्ट ने कहा कि लंपी को लेकर क्या कार्य योजना है, तो कोर्ट को बताया गया कि खतरे को नियंत्रित करने की योजना बना रहे हैं. जिसमें महत्वपूर्ण रूप से टीके की खरीद और टीकाकरण की प्रक्रिया शामिल है. कोर्ट ने कहा कि सभी सूचना और दस्तावेज आवश्यक रूप से कोर्ट के समक्ष अवलोकन के लिए पेश करे. संभव हो तो कल ही अतिरिक्त निदेशक नोडल अधिकारी जो इस मामले में खतरे को नियंत्रित करने के प्रयासों की निगरानी कर रहे हैंं, वे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों.
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इसके साथ ही जोधपुर नगर निगम के आयुक्त भी उपस्थित रहें. पशुओं के शवों का सुरक्षित व उचित निष्कासन और निपटान करे जो कि इधर-उधर पडे़ हैं. कोर्ट ने कहा लम्पी वायरस के खतरे को देखते हुए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. सरकार को अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ लेकर तत्परता से कार्य करना होगा. क्योंकि वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करना आवश्यक है. इस मामले में 19 सितम्बर को अगली सुनवाई मुकरर्र की गई है.