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DRI की जांच पर हाईकोर्ट की रोक जारी...अब ED कसना चाहती है शिकंजा - Directorate of Revenue Intelligence (

राजस्थान में सियासी संग्राम के बीच अशोक गहलोत के बड़े भाई पर ED की कार्रवाई से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. वहीं, ईडी को शक है कि अग्रसेन गहलोत के सहयोग से किसानों को मिलने वाली सस्ती खाद्य विदेश भेजा गया है. इसलिए ईडी कार्रवाई में जुटी है.

Agrasen Gehlot fertiliser scam case,   राजस्थान न्यूज
MOP घोटाले में ED कार्रवाई में जुटी

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Published : Jul 23, 2020, 12:38 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 12:54 PM IST

जोधपुर.मुख्यमंत्री अशाोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत की फर्म पर ED की कार्रवाई जारी है. यह मामला 2010-11 का है, लेकिन कुछ दिन पहले ही DRI ने इस मामले में अहमदाबाद में चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. जिसके बाद ED को शक है कि जो एमओपी विदेश भेजी गई है, उसकी राशि हवाले के जरिए आई होगी, जिसका अग्रसेन गहलोत को भी भुगतान हुआ होगा.

MOP घोटाले में ED कार्रवाई में जुटी

इस मामले का खुलासा 2010-11 में Directorate of Revenue Intelligence (DRI) ने गुजरात के एक पोर्ट पर कुछ कंटेनर पकड़ा था. जांच में सामने आया था कि भारत सरकार किसानों को सस्ते मूल्य पर देने के लिए जो म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) विदेश से मंगवाती थी. वह किसानों के पास नहीं जाकर वापस एक्सपोर्ट हो रही थी. डीआरआई की पड़ताल में ट्रक चालकों से इस बात का पता चला कि यह एमओपी जोधपुर स्थित अनुपम कृषि से मिला था, जो मुख्यमंत्री अशाोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत चलाते हैं. अग्रसेन गहलोत पूरे मारवाड़ में एमओपी के मुख्य वितरक यानी की सीएंडएफ थे. उनके मार्फत ही डिलरों को एमओपी मिलता था.

हाईकोर्ट ने 2017 में दिया था स्टे...

ट्रक चालकों से मिली जानकारी के आधार पर ही DRI ने अग्रसेन को एक्सपोर्टर्स का सहयेागी मान कर पेनाल्टी का हिस्सेदार बताया, लेकिन कस्टम नियमों के मुताबिक मामला मुख्य एक्सपोर्टस के खिलाफ ही बनता है. ऐसे में कोर्ट में अग्रसेन गहलोत ने कहा कि उन्होंने किसानों को ही एमओपी दी थी, लेकिन किसानों ने आगे कहां बेची यह मुझे पता नहीं.

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इस पर 2017 में अग्रसेन गहलोत को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया, जो आज तक जारी है. जबकि हाल ही में DRI ने इस मामले में अहमदाबाद में चार जनों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की तो ईडी सक्रिय हो गया.

2017 में BJP ने गुजरात चुनाव में उठाया था मुद्दा...

अब मनी लांड्रिग का मामला BJP ने नवंबर 2017 मेंं हुए गुजरात के चुनाव में इस मामले को जोर शोर से उछाला था. साथ ही मनी लांड्रिग का अंदेशा जताया था, लेकिन चुनाव होने के करीब तीन साल तक इस प्रकरण में कुछ नहीं हुआ. DRI जो कार्रवाई करना चाहता था, उस पर हाईकोर्ट का स्टे बना हुआ है.

अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिग का मामला दर्ज कर छापे की कार्रवाई की है, क्योंकि निदेशालय को शक है कि जो एमओपी विदेश भेजी गई, उसकी कीमत 100 करोड़ से ज्यादा थी. ऐसे में यह राशि हवाले के जरिए ही आई होगी और इसमें गहलोत को भी भुगतान हुआ होगा. जबकि गहलोत ने एमओपी भारतीय मुद्रा में ही खरीदी व बेची थी.

Last Updated : Jul 23, 2020, 12:54 PM IST

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