जोधपुर. हाईकोर्ट में सोमवार को जस्टिस विजय विश्नोई ने रिश्वत लेने के आरोपी अधिकारियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की. इनमें जोधपुर जिला प्रशासन में एडीएम के पद पर कार्यरत रहे आरएएस विजय सिंह नाहटा को जमानत दे दी गई है. नाहटा करीब सवा महीने से जोधपुर केंद्रीय कारागृह में बंद थे.
रिश्वत लेने के आरोपी RAS अधिकारी नाहटा को मिली जमानत, सब इंस्पेक्टर की याचिका पर सुनवाई जारी
जोधपुर हाईकोर्ट ने रिश्वत के मामलों की सूनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसले सुनाए. इनमें जहां जोधपुर जिला प्रशासन में एडीएम के पद पर कार्यरत रहे आरएएस विजय सिंह नाहटा को जमानत दे दी गई है, वहीं बजरी माफिया से अवैध वसूली के मामले में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए बासनी थाने के सब इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह की याचिका पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है.
आरएएस विजय सिंह नाहटा को 18 अप्रैल को पप्पू दास नामक एक परिवादी की शिकायत पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. पप्पू दास ने यह राशि अपने खेत की नपाई के लिए दी थी, क्योंकि इस नपाई के बाद ही पप्पू दास को खेत के पास से निकल रही सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण योजना के तहत मुआवजा मिलना था. उल्लेखनीय है कि जोधपुर जिला प्रशासन में विजय सिंह पहले आरएएस अधिकारी हैं जो रिश्वत के मामले में पकड़े गए हैं.
वहीं बजरी माफिया से अवैध वसूली के मामले में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए बासनी थाने के सब इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह की याचिका पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. गजेंद्र सिंह को एसीबी ने थाना परिसर में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. इस मामले में एसीबी ने थानाधिकारी संजय बोथरा और हेड कांस्टेबल को भी आरोपी बनाया गया है, लेकिन अभी दोनों की गिरफ्तारी होना बाकी है. ऐसे में गजेंद्र सिंह की जमानत को लेकर अभी निर्णय आना संभव नहीं है. हालांकि जस्टिस विजय विश्नोई ने इस मामले में केस डायरी तलब की है. केस डायरी की प्रगति के आधार पर ही गजेंद्र सिंह की जमानत याचिका का निर्णय हो सकता है.