जयपुर. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर बड़ी तादाद में युवा वर्ग ज्यादा यूजर हैं. युवाओं को अलग-अलग तरीकों से साइबर ठग अपना निशाना बनाने में लगे हुए हैं. इन दिनों साइबर ठगों ने ठगी का एक नया तरीका इजाद किया है. फेसबुक के माध्यम से यूथ को टारगेट करते हुए हथियार बेचने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है.
जैसे ही कोई भी यूथ इन ठगों के झांसे में आता है और हथियार खरीदने की इच्छा जाहिर करता है, जैसे ही यूथ डाउन पेमेंट करता है. वैसे ही साइबर ठग उसको ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं. उसके बाद मोटी राशि हड़पी जाती है. कानूनी कार्रवाई की पेचीदगी से बचने के लिए इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे यूथ पुलिस में अपनी शिकायत तक दर्ज नहीं करवा रहे हैं.
इस तरह से बनाया जा रहा ठगी का शिकार
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि फेसबुक पर हाल ही में फेसबुक ग्रुप्स के नाम से एक एक्टिविटी शुरू की गई है. जिसमें कोई भी एक व्यक्ति ग्रुप को क्रिएट करता है और फिर उसमें हजारों की संख्या में लोगों को जोड़ा जाता है. इसी ग्रुप में साइबर ठग भी जुड़ जाते हैं और फिर ऑनलाइन हथियार बेचने का झांसा देकर लोगों को अपनी ठगी के जाल में फंसाते हैं. ठग ग्रुप में विभिन्न तरह के हथियारों की फोटो अपलोड करते हैं. साथ ही यूथ को टारगेट करते हुए विभिन्न तरह के लुभावने ऑफर भी दिए जाते हैं.
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हथियार खरीदने के लिए ठग एक नंबर भी पोस्ट में दिया जाता है और उस नंबर पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही यूजर उस व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज कर हथियार खरीदने की इच्छा जाहिर करता है तो उसे विभिन्न तरह के हथियारों की फोटो भेजी जाती है. उसमें से एक हथियार पसंद करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही यूजर कोई हथियार पसंद करता है, उसे उस अधिकार की कीमत बताई जाती है और साथ ही डाउन पेमेंट के तौर पर 3 से 5 हजार रुपए पेटीएम या फोन-पे करने के लिए कहा जाता है. यूजर के पेमेंट करने के कई दिनों बाद भी जब उसे हथियार नहीं मिलता और वह वापस व्हाट्सएप के जरिए ठगों से संपर्क करता है तो उसे ठग ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं.
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