जयपुर. शारदीय नवरात्र के आज पांचवा दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी. मां दुर्गा के पंचम स्वरूप को स्कंदमाता के रूप में पूजते है और इन्हें पहली प्रसूता भी कहा जाता है. इस लिए इनको इनके पुत्र के नाम से भी पुकारा जाता है. कहा जाता है कि सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी की पूजा से तेज और क्रांति की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित विशाल सेवग के अनुसार, स्कंदमाता की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त दिन का दूसरा पहर रहेगा. स्कंदमाता की पूजा चंपा के फूलों से करनी चाहिए. इन्हें मूंग से बने मिष्ठान का भोग लगाएं. श्रृंगार में इन्हें हरे रंग की चूड़ियां चढ़ानी चाहिए. स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है. इसके साथ इन्हें केसर डालकर खीर का प्रसाद चढ़ाना चाहिए. इनकी उपासना से मंदबुद्धि व्यक्ति को बुद्धि व चेतना प्राप्त होती हैं. इनकी कृपा से रोगियों को रोगों से मुक्ति मिलती हैं और समस्त व्याधियों का अंत होता है.