जयपुर.नवरात्र के तीसरे दिन आज मां दुर्गा की तीसरी शक्ति देवी चंद्रघंटा की आराधना का महत्व है. इनकी पूजा करने से दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाई देने लगती हैं. देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है.
ज्योतिष पंडित विशाल सेवग के अनुसार, 10 हाथों के साथ सोने के समान चमकीला शरीर और खड़क अन्य अस्त्र-शस्त्र से विभूषित देवी चंद्रघंटा की आराधना से भक्तों में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है. इसलिए मन, वचन और कर्म के साथ ही काया को विहित विधि-विधान के अनुसार परिशुद्ध पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना करनी चाहिए. इससे भक्त सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज परम पद के अधिकारी बन सकते हैं. देवी चंद्रघंटा बहुत ही कल्याणकारी हैं.