जयपुर. राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जहां रेगिस्तान अधिक होने के कारण गर्मियों में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है. सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में पानी की खपत भी ज्यादा होती है. जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. राजधानी जयपुर की बात की जाए तो पानी साप्लाई पूरी तरह से बीसलपुर बांध पर निर्भर है. हालांकि सरकार की ओर से गर्मियों में पानी की व्यवस्था के लिए अलग से इंतजाम किए जाते हैं और वह नाकाफी रहते हैं. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने दावा किया है कि गर्मियों में पानी को लेकर कोई समस्या नहीं आएगी.
जयपुर में बीसलपुर बांध से पानी सप्लाई किया जा रहा है लेकिन यह पानी नाकाफी है. जयपुर शहर के जो इलाके बीसलपुर सप्लाई से जुड़े हुए नहीं है वहां ट्यूबवेलों और टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाता है. सबसे बड़ी समस्या बजट को लेकर भी सामने आती है जो योजनाएं बनाई जाती है उनके लिए बजट समय पर नहीं आता. इसके कारण योजनाए ठंडे बस्ते में चली जाती है और लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता.
बीडी कल्ला ने कहा कि गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं हो इसलिए फरवरी महीने में ही हर जिले के लिए कंटीन्जेसी प्लान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर 50- 50 लाख रुपए मंजूर किए गए थे. अधीक्षण अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंता को कलेक्टर के साथ बैठक कर इस कंटीन्जेसी प्लान में मंजूर किए गए बजट का उपयोग करना है. ताकि आम जनता को राहत मिल सके. इस कंटीन्जेसी प्लान के तहत हैंडपंपों की मरम्मत करना, सूखे हुए ट्यूबवेल को वापस रिवाइव करना, नलों की मरम्मत करना, शहर के जिन टेल एन्ड के इलाकों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. वहां टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाना कंटीन्जेसी प्लान में तय किए गए.
बीडी कल्ला ने कहा कि यदि किसी जिले में 50 लाख रुपए के अतिरिक्त भी बजट की आवश्यकता होगी तो राज्य सरकार की ओर से और बजट जिलों को उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रत्येक जिला स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं. जहां शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायतें दर्ज होती हैं और उनका समाधान भी किया जाता है. ताकि गर्मियों में आम जनता को पानी को लेकर किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री कार्यालय में भी एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है. जहां पानी से संबंधित कोई शिकायत आती है तो जलदाय विभाग के कर्मचारी उस पर तुरंत एक्शन लेते हैं और समस्या का समाधान करते हैं.