जयपुर. शहर में मंगलवार को सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट नजर आई. डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर वार्डों में नहीं पहुंचे. वहीं कुछ दिनों पूर्व बीवीजी कंपनी से जुड़े वाल्मीकि समाज के कर्मचारी की ड्यूटी पर रहते हुए दुर्घटना और उसके बाद इलाज के दौरान हुई मौत पर प्रशासन और कंपनी की ओर से संज्ञान नहीं लिया गया है.
वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों ने कार्य का किया बहिष्कार जिस पर नाराजगी जताते हुए कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार किया. साथ ही मांगे नहीं माने जाने तक बीवीजी कंपनी को काम नहीं करने देने की चेतावनी भी दी है. 5 फरवरी 2020 को वार्ड 79 में बीवीजी के हूपर पर कार्यरत कर्मचारी नरेश ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में गंभीर घायल हो गया. वहीं 11 फरवरी को अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई, लेकिन अब तक निगम प्रशासन और बीवीजी कंपनी की ओर से मामले में संज्ञान नहीं लिया गया.
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जिससे नाराज वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों ने बीवीजी के साथ कार्य का बहिष्कार किया और निगम परिसर में ही धरना देकर मृतक को श्रद्धांजलि दी. इस संबंध में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बीवीजी कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी कर्मचारी का ईएसआई पीएफ जमा कराती है. बावजूद इसके कर्मचारी का अच्छे अस्पताल में इलाज नहीं कराया गया.
ऐसे में इलाज के अभाव में कर्मचारी की मौत हो गई और अब तक भी कंपनी ने मृतक के परिजनों की सुध नहीं ली. वहीं संघ के अध्यक्ष ने एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक है मांगे नहीं मानी जाती, शहर में बीवीजी कंपनी को काम नहीं करने दिया जाएगा.
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शहर का हर एक सफाई कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेगा. जिसकी जवाबदेही सरकार की होगी. कर्मचारियों के इस कार्य बहिष्कार का शहर में भी असर देखने को मिला. इस कड़ी में मंगलवार को 70 फीसदी वार्डों में बीवीजी के हूपर नहीं पहुंचे. जिसके चलते रोड साइड कचरा डिपो भी बढ़ते दिखे.