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Special: इको फ्रेंडली दिवाली का ये अनूठा तरीका पर्यावरण व मानव जीवन के लिए साबित होगा वरदान

राजस्थान में आतिशबाजी पर रोक है ऐसे में लोग कैसे दीपावली जैसे बड़े त्योहार को सेलिब्रेट करेंगे ये सवाल हर किसी के मन है. ऐसे में समाज में कोरोना महामारी का साया और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार ईटीवी भारत आप सभी दर्शकों के लिए लेकर आया है इको फ्रेंडली दीपावली. देखिए ये रिपोर्ट...

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इकोफ्रेंडली दिवाली का ये अनूठा तरीका

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Published : Nov 14, 2020, 11:29 AM IST

जयपुर.दीपावली हर भारतीय के घर में एक बहुप्रतीक्षित त्योहार है. इस दिन चारों तरफ अंधकार को प्रकाश फैलाने के लिए मिट्टी के दीये जलाए जाते है और जमकर आतिशबाजी की जाती है. लेकिन पर्यावरण में प्रदूषक तत्वों की मौजूदगी पहले से ही है और हम उसे ओर बढ़ाते है. ऐसे में इस बार पटाखों पर बैन लग जाने से ज्यादातर लोग इको फ्रेंडली दिवाली मनाने का प्लान कर रहे है. ताकि ये दिवाली पर्यावरण और मानव जीवन दोनों के लिए वरदान साबित हो.

इकोफ्रेंडली दिवाली का ये अनूठा तरीका

ऐसे में दिवाली के मौके पर लक्ष्मीकमल पौधे के जरिए भी इको फ्रेंडली दिवाली मना सकते है. जयपुर के कई घरों में ऐसी ही इको फ्रेंडली दिवाली मनाई गई. जहां लोगों ने एक दूसरे को लक्ष्मीकमल का पौधा देकर दीपावली की शुभकामनाएं दी. सेलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर सुरभि गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि, हमेशा दिवाली हम सब मिलकर पटाखों के साथ लक्ष्मी पूजन करके मनाते है, लेकिन इस बार लक्ष्मीकमल के पौधे के साथ दिवाली मना रहे है. लक्ष्मीकमल के पौधा को घर में हमेशा तुलसीजी के साथ लगाने से कड़ी मेहनत का सौभाग्य मिलेगा.

कड़ी मेहनत का सौभाग्य मिलेगा-एस्ट्रोलोजर

वहीं आईपीएस संदीप सिंह चौहान के अनुसार दिवाली खुशियों और सौभाग्य का पर्व है. ऐसे में प्रदूषण जैसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए. जैसे की पटाखों पर भी रोक लगाई गई है जो बिल्कुल सही है. इसलिए लक्ष्मीकमल के पौधे के साथ हम इकोफ्रेंडली दिवाली मना रहे है उम्मीद है इससे सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. इस मौके पर फ़िल्म डिस्ट्रीब्यूटर राज बंसल ने बताया कि, पटाखों पर रोक बहुत सही फैसला है जिसका वो समर्थन करते है. साथ में इस बार घर में चाइनीज लाइटों की जगह मिट्टी के दीये की रोशनी कर रहे है.

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सोशल एक्टिविट्स पूनम मदान के अनुसार इस दिवाली इको फ्रेंडली हो इसलिए लोगों को संदेश देना चाहते है कि, ये दिवाली प्रदूषण रहित हो इसके लिए लक्ष्मीकमल के पौधे के साथ इसको सेलिब्रेट करें. क्योंकि ये पौधा सौभाग्य का प्रतीक है इसलिए मिठाई की जगह ये पौधे भेंट कर रहे है. इसके अलावा इको फ्रेंडली कॉन्सपेप्ट लगाना है तो मिट्टी के दीये जलाना चाहिए और चाइनीज लाइटों से दूर रहे.

हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है दिवाली का त्योहार

वहीं इस बार आतिशबाजी पर रोक है ऐसे में ये दिवाली इकोफ्रेंडली हो हमारे ताकि ऐसा कुछ काम नहीं करें जिससे हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे. इसलिए नए तरीके से नए सौभाग्य के प्रतीक को लेकर घर जाएं और इस दिवाली को सुमंगल करें. यह लक्ष्मीकमल पौधा है और माना जाता है कि इससे आपको वह सब हासिल करने में मदद मिलेगी जो आप चाहते है. आपकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के अलावा थोड़ा सा सौभाग्य आपको सम्रद्धि प्राप्त करने में मदद करता है.

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