जयपुर.केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने शनिवार को जयपुर के दौरे पर रहे. इस दौरान बीजेपी मुख्यालय पर कृषि कानून को लेकर मीडिया से मुखातिब हुए कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए लाभकारी कानून लेकर केंद्र की मोदी सरकार आई है. आने वाले समय में इन कानून के जरिए किसानों की क्रांतिकारी परिवर्तन आएंगे.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी पहले किसान को आजादी नहीं थी कि वह दूसरी जगह फसल बेच सकें. लेकिन अब इस कानून के तहत 70 साल बाद कहीं भी फसल बेचने की आजादी किसान को मिली है. किसान अपने उत्पादन का 3 दिन में भुगतान प्राप्त कर सकेगा. साथ ही नए कानून से मंडी टैक्स में कमी आएगी. मोदी सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए यह कानून बनाया है.
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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर कैलाश चौधरी ने कहा कि इससे किसी भी तरीके से किसानों के नुकसान नहीं होगा. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एग्रीमेंट खत्म होने के बाद कोई भी कांट्रेक्टर किसान से उसके इंफ्रास्ट्रक्चर की कीमत नहीं ले सकेगा. वहीं, किसान की जमीन पर उसकी फसल को लेकर एग्रीमेंट होगा, जमीन को लेकर कोई एग्रीमेंट नहीं होगा.
कैलाश चौधरी दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. जबकि कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में इसी तरह के कानून की घोषणा की थी. आज वह कानून से बीजेपी की मोदी सरकार लेकर आ रही है, तो कांग्रेस इसका विरोध कर रही हो और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हर परिस्थिति में किसानों के हित में निर्णय लेते रही हो और उनके पक्ष में निर्णय लेगी. एमएसपी की खरीद को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह गलत है. एमएसपी की खरीद कभी भी बंद नहीं होगी. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एमएसपी पर खरीद को लेकर इस बिल से कोई प्रभाव नहीं होगा, तो वह नहीं होगा. अगर किसानों की एमएसपी खरीद बंद हो जाती है तो मैं राजनीति से इस्तीफा दे दूंगा.
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उन्होंने कहा कि मैं किसान हूं और जब भी किसान को लेकर कोई निर्णय होता है और अगर किसान को 1 रुपए का फायदा होता है तो मुझे महसूस होता है. मैं इस बात को महसूस करता हूं कि किस तरह से खुश होता है. आज जो पंजाब में खरीद का विरोध हो रहा है. वह किसान नहीं कर रहे, बल्कि बिचौलियों को इस कानून से जो नुकसान हो रहा है, वह विरोध कर रहे हैं.
कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों का जो बजट था, उसे भी कई गुना बढ़ा दिया है. कांग्रेस जो किसानों के हित में बात करती है, वह किसानों को लेकर उनकी सरकार में जो बजट था. वह 12 हजार करोड़ तक ही सीमित था. जबकि केंद्र की मोदी सरकार इसे 1 लाख 34 हजार तक लेकर गई है.
इस तरीके से केंद्र की मोदी सरकार ने बजट बढ़ा है, उसे यह समझना चाहिए कि सरकार किस तरीके से किसानों के हित में रात दिन काम कर रही है. इस कानून में किसानों के हितों को ध्यान रखा गया है. पहली बार किसान को अपनी फसल को देश के किसी भी कोने में खुले रूप से बेचने का अधिकार मिला है.