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पार्सल के जरिए लाखों की प्रतिबंधित दवाएं मंगवाने वाले 2 तस्कर गिरफ्तार, व्हाट्सएप से होती थी डील

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Published : Mar 3, 2021, 12:48 PM IST

जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 लाख रुपए कि प्रतिबंधित दवा पार्सल के जरिए मंगाने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त किया है. बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए पुलिस ने मुखबिर सूचना पर कार्रवाई की है.

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2 लाख रुपए की प्रतिबंधित दवा मंगवाने वाले दो तस्कर गिरफ्तार

जयपुर. शहर के पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 2 लाख रुपए कि प्रतिबंधित दवा पार्सल के जरिए मंगाने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल किया है. इसके साथ ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को पाली से गिरफ्तार किया है.

बताया जा रहा है कि मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए जयपुर की संजय सर्किल थाना पुलिस की ओर से मंगलवार को संसार चंद्र रोड स्थित सैनिक ट्रांसपोर्ट कंपनी से प्रतिबंधित दवा ट्रामाडोल से भरा एक पार्सल जब्त किया गया था. पार्सल में 2 लाख रुपए के कीमत की प्रतिबंधित दवा भरी हुई पाई गई, जिसमें पार्सल भेजने वाले ने अपना नाम और पता फर्जी लिखा हुआ था.

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जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित दवा से भरा हुआ पार्सल प्राप्त करने वाले दो तस्कर मुकेश चौधरी और कानाराम चौधरी को गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपी प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करते हैं. प्रतिबंधित दवा ट्रांसपोर्ट के जरिए जोधपुर मंगवा कर पाली और जोधपुर के आसपास के इलाकों में सप्लाई करते हैं. इसके साथ ही पूछताछ में आरोपियों ने यह भी खुलासा किया है कि प्रतिबंधित दवाइयों को अवैध तरीके से संगठित गिरोह की ओर से बंद मेडिकल कंपनियों के लाइसेंस और टिन नंबर का इस्तेमाल कर फर्जी कंपनियों के नाम से डिलीवरी तैयार कर ट्रांसपोर्ट के जरिए मंगवाया जाता है.

व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए संचालित हो रहा पूरा गिरोह

बता दें कि पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों की मोबाइल फोन सीज किए गए हैं. इसके साथ ही आरोपियों की मोबाइल फोन में एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ पाया गया है. बताया जा रहा है कि व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ही प्रतिबंधित नशीली दवाइयां ट्रांसपोर्ट के जरिए भेजने वाले और प्राप्त करने वालों की सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है. दवाइयां प्राप्त होने के बाद तस्करों की ओर से प्रतिबंधित दवाइयों को 10 गुना अधिक रेट पर बेचा या सप्लाई किया जाता है. फिलहाल इस मामले में पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों से प्रतिबंधित दवा की बिक्री और खरीद के स्त्रोत के बारे में जानकारी जुटा रही है.

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