जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा और झुंझुनू सहित अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली हैं, उसके पीछे क्वॉरेंटाइन की मजबूत व्यवस्था महत्वपूर्ण कदम रहा है. इसे और मजबूत बनाकर ही हम इस लड़ाई को जीत पाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने बाहर से आने वाले व्यक्ति के लिए क्वॉरेंटाइन अनिवार्य कर दिया है.
साथ ही होम क्वॉरेंटाइन व्यवस्था को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए राज्य से लेकर वार्ड स्तर तक क्वॉरेंटाइन प्रबंध समितियों का गठन किया गया है. आदेश के मुताबिक पीडब्ल्यूडी की एसीएस वीनू गुप्ता की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय क्वॉरेंटाइन प्रबंधन समिति गठित की गई है. इस समिति में आईएएस अधिकारी अभय कुमार, अखिल अरोड़ा, राजेश्वर सिंह, भास्कर ए सावंत, पीके गोयल और के.के पाठक को शामिल किया गया है. यह समिति जिलों में प्रवासियों के आगमन, उनके रजिस्ट्रेशन और क्वॉरेंटाइन प्रबंधन व्यवस्था की समीक्षा करेगी. समिति अपनी दैनिक रिपोर्ट एसीएस होम को प्रस्तुत करेगी.
पढ़ें:श्रमिकों का पैदल चलना पीड़ादायक, व्यवस्थाओं के लिए SDM होंगे जिम्मेदार: CM गहलोत
इसके साथ ही जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय क्वॉरेंटाइन अधिकारी, जिला चिकित्सालय के प्रधान चिकित्सा अधिकारी, जिला रसद अधिकारी , आयुक्त नगर परिषद, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कलेक्टर की ओर से नामित अधिकारी और जनप्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है. जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में समन्वयक की अध्यक्षता में समिति की बैठक आयोजित की जाएगी. जिला परिषद के सीईओ को इस समिति का समन्वयक बनाया गया है.
सरकार ने उपखंड स्तर पर भी उपखंड स्तरीय पर भी क्वॉरेंटाइन प्रबंधन समिति गठित की है. यह समिति उपखंड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित की गई है. जिसमें क्षेत्रीय विधायक, पुलिस उप अधीक्षक, विकास अधिकारी, तहसीलदार, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, प्रवर्तन अधिकारी रसद, जिला कलेक्ट्रेट की ओर से नामित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि को शामिल किया गया है.
पढ़ें.जयपुर जेल में 5 कैदी मिले कोरोना पॉजिटिव, सिपाही के संक्रमित मिलने पर बदला गया थाने का पूरा स्टाफ
ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर भी क्वॉरेंटाइन प्रबंधन समितियां गठित की गई है. ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को इसका संयोजक बनाया गया है, जबकि वार्ड स्तर पर गठित समिति का संयोजक बीएलओ को बनाया गया है. सभी समितियों के कामकाज के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.