जयपुर.कोरोना की दूसरी लहर जितनी घातक है, उससे कई ज्यादा लोगों की लापरवाही. यही वजह है कि सरकार सख्त है और नित नए नवाचार किए जा रहे हैं, लेकिन अफसोस आमजन अपनी लापरवाहियों से बाज नहीं आ रहे. जिसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में अब जयपुर के व्यापारी खुद सख्त हुए है और 'नो मास्क-नो एंट्री' की मुहिम को साकार करने में जुट गए हैं.
जयपुर के बाजारों में कोरोना का अधिक खतरा पढ़ेंःSPECIAL : अधूरा स्मार्ट बन रहा जयपुर...स्मार्ट सिटी में राहगीरों के लिए प्रोजेक्ट ही नहीं
खूबसूरत शहर गुलाबीनगरी, जहां के बाजार इतने गुलजार है कि मानो कोरोना को भी पैर रखने की जगह नहीं मिल सकती. जबकि बाजारों में भीड़ और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या नियमित रूप से बढ़ रही है, लेकिन इन पर नकेल कसने के बजाएं व्यापार पर नकेल कसी जा रही है. फिर भी व्यापारी अपने ग्राहकों को कोरोना प्रोटोकॉल की पालना जरूर करा रहे हैं, लेकिन इस मंदी के दौर में राज्य सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही. आलम यह है कि पहले जो नाइट कर्फ्यू रात 10 बजे का था वह अब बढ़ता हुआ 7 बजे तक जा पहुंचा है और व्यापारी अपना गल्ला संभालते हुए निराश मन से घर जाने को मजबूर हो रहे है.
जयपुर के परकोटे में स्थित बाजारों में भीड़ जरूर है लेकिन इससे व्यापारियों को व्यापार नहीं हो रहा बल्कि इस लापरवाह भीड़ के बदलने में खामियाजा व्यापारियों को भुगतना ही पड़ रहा है, क्योंकि इसी बेतरतीब भीड़ को देखते हुए सख्ती व्यापारियों पर लागू कर दी जाती है जबकि हकीकत में लापरवाह जनता है जो बिना मास्क बाजारों में घूम रहे है. इसी को देखते हुए हर एक दुकानदार अब सख्त नजर आ रहा है और 'नो मास्क-नो एंट्री' के तहत बिना मास्क अब ग्राहकों को दुकान के अंदर भी एंट्री नहीं दे रहे.
कोरोना प्रोटोकाल का कर रहे पालन पढ़ेंःSPECIAL : पाली में कोरोना का नया रूप, बिना लक्षण वाले मरीज मिल रहे संक्रमित....फेफड़ों में हो रहा संक्रमण
व्यापारी गोपीकिशन अग्रवाल कहते है कि, बिना मास्क ग्राहक को पैर तक नहीं रखने देते है, भले ही वो दुकान से बाहर रहें. वहीं, अंदर घुसने से पहले बाकायदा सैनीटाइज होकर ही प्रवेश दिया जाता है. यदि फिर भी लापरवाह लोग मास्क नहीं लगाएंगे तो व्यापारियों को ही नुकसान होना है. यही नहीं यदि ऐसी लापरवाही बरकरार रही और सरकार ने लॉकडाउन कर दिया तो दुकानों पर काम करने वाले भूखे मर जाएंगे.
भीड़भाड़ वाली जगहों में कोरोना के बढ़ने का है अधिक खतरा एक साल बाद व्यापार में जो धीरे-धीरे रौनक लौट रही थी वो लापरवाही की वजह से फिर लॉकडाउन ओर ले जा रही है. व्यापारी निखिल सैनी ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, शाम 7 बजे का कर्फ्यू व्यापारियों पर सिर्फ थोपा जा रहा है, जबकि व्यापारियों की स्थिति पहले से बहुत विकट हो चुकी है. व्यापारियों की इस दुर्दशा के बारे में राजस्थान सरकार को ये सोचना चाहिए कि, इस कर्फ्यू के समय को पहले की तरह रात 9 बजे से करा जाएं तो व्यापारी कुछ राहत महसूस करेंगे.
दुकानदार ग्राहकों को बिना मास्क के नहीं दे रहे एंट्री पढ़ेंःSpecial: कोरोना डेडिकेटेड आरयूएचएस अस्पताल फिर अलर्ट मोड पर, वापस बुलाए गए हेल्थ वर्कर्स
उन्होंने कहा कि, सुबह 11 बजे व्यापारियों की दुकानें अनलॉक होती है और शाम 7 बजे का समय निश्चित किया है, जबकि कोरोना संक्रमण तो 7 बजे बाद भी फैल सकता है. इसलिए कोरोना से बचने के लिए खुद की सेफ्टी खुद के पास है. ऐसे में जरूरत है बिना काम घर से बाहर भी ना निकले और यदि निकले भी तो फेस मास्क जरूर लगाएं. इससे कोरोना संक्रमण से भी बचाव होगा और सरकार को सख्ती भी नहीं करनी पड़ेगी.