जयपुर. राज्य में चिकित्सा सेवाओं में आगामी 6 महीने तक हड़ताल पर रोक रहेगी. राज्य सरकार ने रेस्मा की अवधि 6 महीने के लिए बढ़ा दी है. 14 मार्च को यह अवधि समाप्त हो रही थी.
गृह विभाग ग्रुप-9 ने रेस्मा की अवधि बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है. इससे पहले राज्य सरकार ने कोराना महामारी के मद्देनजर 14 मार्च 2020 को प्रदेश में रेश्मा लगाया था. चिकित्सा सेवाओं की आपातकालीन सेवाओं के साथ साथ 104 टोल फ्री चिकित्सा परामर्श सेवाओं 108 आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ 104 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवाओं की हड़ताल को दंडनीय अपराध माना जाएगा.
इस तरह रहेगा रेस्मा का असर
गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार चिकित्सा परामर्श सेवाओं में हड़ताल होने से सेवा में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और आमजन को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, इसलिए प्रदेश में राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम 1970 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तुरंत प्रभाव से 108 आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ 104 जननी एक्सप्रेस बेस एंबुलेंस और 104 टोल फ्री चिकित्सा परामर्श सेवाओं, जिनका संचालन सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ईएमआरआई के माध्यम से इनीटग्रेटेड एंबुलेंस प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है के सभी कार्यालयों एवं कर्मचारियों और उसके कार्यकलापों से संबंधित सेवाओं को 14 मार्च से आगामी 6 महीने तक अत्यावश्यक सेवाएं घोषित की जाती हैं.
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कर्मचारियों में मची खलबली
इससे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की धमकी देकर सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले चिकित्सा परामर्श सेवाओं के विभिन्न कर्मचारी संगठनों में खलबली मच गई है. दरअसल, कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रदेश में बार-बार आंदोलन और धरने की चेतावनी देते रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने रेस्मा की अवधि 6 महीने के लिए बढ़ाकर आम जन को कठिनाइयों से बचा लिया है.