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अदालत की गलती का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगते- हाई कोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट की ओर से तलाक की डिक्री जारी करने में हुए देरी के चलते महिला अभ्यर्थी को सूचना सहायक भर्ती में तलाकशुदा कोटे का लाभ नहीं मिलने पर टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि कोर्ट की गलती का खामियाजा अभ्यर्थी को नहीं भुगताया जा सकता, इसके साथ ही अदालत ने महिला अभ्यर्थी को तलाकशुदा कोटे में शामिल कर जरूरत पड़ने पर संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश सुशीला रानी की याचिका पर दिए.

Rajasthan High Court, राजस्थान हाई कोर्ट
राजस्थान हाई कोर्ट

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Published : Apr 7, 2021, 9:43 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट की ओर से तलाक की डिक्री जारी करने में हुए देरी के चलते महिला अभ्यर्थी को सूचना सहायक भर्ती में तलाकशुदा कोटे का लाभ नहीं मिलने पर टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि कोर्ट की गलती का खामियाजा अभ्यर्थी को नहीं भुगताया जा सकता, इसके साथ ही अदालत ने महिला अभ्यर्थी को तलाकशुदा कोटे में शामिल कर जरूरत पड़ने पर संशोधित परिणाम जारी करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश सुशीला रानी की याचिका पर दिए.

राम प्रताप सैनी, वकील, याचिकाकर्ता

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने सूचना सहायक भर्ती- 2018 के तलाकशुदा कोटे में आवेदन किया था, लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड ने उसे यह कहते हुए कोटे का लाभ नहीं दिया कि उसकी तलाक की डिक्री आवेदन के बाद की है. याचिका में कहा गया कि भर्ती में आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल 2018 थी, जबकि वहीं, फैमेली कोर्ट ने 9 दिसंबर 2107 को ही तलाक का आदेश दे दिया था.

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वहीं, फैमेली कोर्ट ने भर्ती का अंतिम परिणाम जारी होने से पूर्व तलाक की डिक्री 31 जुलाई 2019 को जारी की. ऐसे में याचिकाकर्ता को तलाकशुदा कोटे में शामिल कर नियुक्ति दी जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को तलाकशुदा कोटे का लाभ देने के आदेश दिए हैं.

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