जयपुर. सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सुखाड़िया विश्वविद्यालय वीसी नियुक्ति का मामला (Kataria on Sukhadia University VC Appointment Controversy) उठाते हुए कहा कि सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर लगाए गए प्रोफेसर अमेरिका सिंह की नियुक्ति जिन दस्तावेजों के आधार पर हुई, उसमें ही गड़बड़ी है या फिर कहें कि वो दस्तावेज फर्जी हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए.
कटारिया ने इस दौरान नाराजगी जताई कि राजस्थान विधानसभा में उन्होंने इस संबंध में 28 जनवरी को प्रश्न लगाया, लेकिन सदन और विधानसभा की ओर से अब तक उसकी जानकारी नहीं दी गई. इसी तरह 13 अन्य सदस्यों ने भी सुखाड़िया विश्वविद्यालय कुलपति नियुक्ति को लेकर अलग-अलग प्रश्न लगाए, लेकिन विधानसभा से उसकी जानकारी नहीं मिली. क्योंकि विश्वविद्यालय में मौजूद लोग उस जानकारी को रोके रखे हैं कि समय निकल जाए और सत्र खत्म हो जाए तो मामला भी टल जाएगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वीसी पद पर नियुक्ति में जो योग्यताएं मांगी गई हैं, उसके आधार पर जो कागज लगाया गया है उसकी सत्यता पर भी संदेह है. क्योंकि जो कागज नियुक्ति के समय लगाए गए वो किस विश्वविद्यालय के हैं, उसकी कोई जानकारी नहीं है और न उसपर कुलसचिव की मोहर लगी है. केवल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सीतापुरा लिखा है.
वहीं, जो योग्यताएं लिखी गई हैं, उसमें साल 2007 से लेकर 2020 तक इसमें प्रोफेसर पद पर काम करने का अनुभव लिखा गया है, जबकि यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी जिससे इनका संबंध है उसकी 2008 की सूची में अमेरिका सिंह और सहायक प्रोफेसर दर्शाया गया है. उसके 1 साल बाद जारी किए गए प्रतिवेदन में भी यही है. ऐसे में जो योग्यता नियुक्ति के समय दर्शाई गई और प्रमाण पत्र लगाया गया, उसमें 2007 में ही उन्हें प्रोफेसर दर्शाया गया है.