जयपुर.केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी बिजली संशोधन विधेयक के मसौदे को लेकर अब सियासी रार शुरू हो चुकी है. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार के इस प्रस्तावित कदम को राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हनन बताया, तो वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कल्ला को नसीहत दी है कि वे पहले विधेयक के ड्राफ्ट को अच्छी तरह पड़े उसके बाद ही कोई टिप्पणी करें. ईटीवी भारत से खास बातचीत में राठौड़ ने ऊर्जा मंत्री की ओर से जताई गई सभी आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया.
'केंद्र का साहसिक कदम'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की इस पहल का स्वागत किया और कहा कि केंद्र सरकार का यह अच्छा और साहसिक कदम है. उन्होंने कहा कि केंद्र प्रोग्रेसिव कानून बनाने की दिशा में काम कर रहा है. जिससे विद्युत के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा और इसका फायदा बिजली कंपनियों के साथ आम उपभोक्ताओं को भी मिलेगा.
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'डीबीटी अपनाने से उपभोक्ताओं में आएगी सरकार के प्रति सकारात्मक सोच'
राठौड़ के अनुसार ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला को लगता है की अनुदान की राशि बिजली उपभोक्ता के बैंक खाते में जाने से प्रक्रिया और जटिल हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि डायरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट का फायदा उन उपभोक्ताओं को भी मिलेगा और उनके मन में यह भावना भी आएगी कि सरकार ने अपने खजाना हमारे लिए खोल दिया है. राठौड़ के अनुसार प्रदेश सरकार ऐसे भी हजारों करोड़ का अनुदान देती है. अब अगर वह अनुदान सीधे बिजली उपभोक्ताओं के खातों में चला जाएगा तो क्या बुराई है. उनके अनुसार कान इधर से पकड़ो या उधर से पकड़ में तो कान ही आएगा.