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स्पेशल: 'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम दे रहे कारोबारी, राजस्थान से दिया सैलानियों को न्योता

कोरोना काल में अब जब अनलॉक-3 में भारत प्रवेश कर चुका है, तो टूरिज्म को भी अनलॉक करने की कवायद शुरू हो गई है. दिल्ली पर्यटन से जुड़े कुछ कोरोबारी इन दिनों राजस्थान की यात्रा पर निकले हैं, जो लोगों के बीच कोविड-19 के भय को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं. 'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम देने वाली इस टीम ने ग्रामीण परिवेश में बने पर्यटन स्थलों को दुनिया के सामने रखने की कोशिश की है. देखिए ये रिपोर्ट...

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अनलॉक टूरिज्म का संदेश

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Published : Aug 9, 2020, 8:53 PM IST

जयपुर.Covid-19 के असर से उबरने की अनलॉक इंडिया की प्रक्रिया के बाद प्रदेश में व्यापार की रीढ़ समझे जाने वाले पर्यटन व्यवसाय को भी पुनर्जीवित करने के प्रयास अब शुरू हो गए हैं. जाहिर है कि राजस्थान के पर्यटन से सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों परिवारों का जीविका उपार्जन होता है. लिहाजा दिल्ली के पर्यटन से जुड़े कारोबारियों ने अब इसका जिम्मा संभाल लिया है. इन्होंने 'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम दिया है और इसके लिए दो दर्जन लोगों का समूह राजस्थान की यात्रा पर निकला है.

'अनलॉक टूरिज्म'

मार्च महीने के आखिरी हफ्ते में लागू हुए लॉकडाउन के बाद कोविड-19 के संभावित खतरे का एक बड़ा असर देशी-विदेशी सैलानियों के दिमाग पर पड़ा है. लिहाजा राजस्थान के पर्यटन व्यवसाय की नींव इस दौर में पूरी तरह कमजोर हो गई. होटल, रेस्टोरेंट और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ अन्य व्यवसाय किसी न किसी रूप से पर्यटन पर आधारित हैं. जानकारों के मुताबिक कोरोना काल में ही पर्यटन व्यवसाय पर आधारित दो लाख से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां खो चुके हैं.

'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम दे रहे कारोबारी

वहीं, 1200 करोड़ के इस उद्योग पर मंदी की मार भी पड़ी है. इसलिए अब जब अगस्त के महीने में आमतौर पर पर्यटन व्यवसाय परवान पर पहुंचना शुरू होता है. तब कारोबारी सैलानियों के नहीं आने से परेशान नजर आने लगे हैं. एक तरफ राजस्थान सरकार नई पर्यटन नीति का ऐलान कर चुकी है, तो दूसरी तरफ इन कारोबारियों ने अपने स्तर पर ही प्रयास शुरू किए हैं.

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देशभर में अनलॉक इंडिया की तीसरी प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है. इस दौर में 'अनलॉक टूरिज्म' की टीम को लेकर दिल्ली के व्यापारियों ने कोविड-19 के भय से लोगों को दूर करने की ठानी है. लिहाजा इन लोगों ने राजस्थान का चुनाव किया और यहां के ग्रामीण परिवेश में बने पर्यटन स्थलों को दुनिया के सामने रखने की कोशिश की. इन लोगों ने इसके लिए हेरिटेज से जुड़े पर्यटन स्थलों का चुनाव किया और दिल्ली से लेकर गीजगढ़ तक की एक रोड ट्रिप को पूरा करके सकारात्मक संदेश की पेशकश दुनिया के सामने रखने की ठान ली.

इन लोगों ने इस प्रक्रिया को 'अनलॉक टूरिज्म' का नाम दिया और सैलानियों के मन से भय को दूर करने की कोशिश को दोहराया. इन लोगों का कहना है कि अगर आप घूमने के शौकीन है, तो बड़े शहर और मशहूर पर्यटन स्थलों के अलावा राजस्थान के ग्रामीण परिवेश और यहां से जुड़े हेरिटेज विरासत का चुनाव आपको करना चाहिए, जो कि पूरी तरह से कोरोना प्रभाव से सुरक्षित है. इस प्रक्रिया में शामिल कारोबारियों ने खुद को एक सोल्जर के रूप में भी पेश करने का दावा किया है.

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दिल्ली के यह कारोबारी 'अनलॉक टूरिज्म' की अपनी टीम को सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट करने में जुटे हैं. इसके लिए उन्होंने केसरोली, तालाब गांव और गीजगढ़ जैसे छोटे गांव का चुनाव किया. जहां पर ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. इन गांव की हेरिटेज प्रॉपर्टी के साथ-साथ यहां मौजूद पोलो स्टेडियम, घुड़सवारी, ग्रामीण बाजार और परिवेश से रूबरू होने की संभावनाएं है.

ग्रामीण संस्कृति की झलक के साथ-साथ ऑर्गेनिक फार्मिंग और वाटर कंजर्वेशन जैसे प्रोजेक्ट के जरिए राजस्थान की संस्कृति, खान-पान, पहनावा और रहन-सहन से इन सैलानियों को रूबरू करवाने का प्रयास यह लोग कर रहे हैं. इन कारोबारियों का कहना था कि भारत आने वाले विदेशी सैलानी राजस्थान जाने की इच्छा प्रबल रूप से रखते हैं.

वहीं, दुनिया के सामने आ चुके पर्यटन स्थलों के साथ-साथ अब राजस्थान के गांव और वहां से जुड़ी विरासत को भी सैलानियों से रूबरू करवाने का यह अच्छा मौका है. जहां सैलानियों के लिए ना सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से बेहतर माहौल है, बल्कि इको फ्रेंडली नेचर में यह लोग अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे सकते हैं.

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