जयपुर.Covid-19 के असर से उबरने की अनलॉक इंडिया की प्रक्रिया के बाद प्रदेश में व्यापार की रीढ़ समझे जाने वाले पर्यटन व्यवसाय को भी पुनर्जीवित करने के प्रयास अब शुरू हो गए हैं. जाहिर है कि राजस्थान के पर्यटन से सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों परिवारों का जीविका उपार्जन होता है. लिहाजा दिल्ली के पर्यटन से जुड़े कारोबारियों ने अब इसका जिम्मा संभाल लिया है. इन्होंने 'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम दिया है और इसके लिए दो दर्जन लोगों का समूह राजस्थान की यात्रा पर निकला है.
मार्च महीने के आखिरी हफ्ते में लागू हुए लॉकडाउन के बाद कोविड-19 के संभावित खतरे का एक बड़ा असर देशी-विदेशी सैलानियों के दिमाग पर पड़ा है. लिहाजा राजस्थान के पर्यटन व्यवसाय की नींव इस दौर में पूरी तरह कमजोर हो गई. होटल, रेस्टोरेंट और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ अन्य व्यवसाय किसी न किसी रूप से पर्यटन पर आधारित हैं. जानकारों के मुताबिक कोरोना काल में ही पर्यटन व्यवसाय पर आधारित दो लाख से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां खो चुके हैं.
वहीं, 1200 करोड़ के इस उद्योग पर मंदी की मार भी पड़ी है. इसलिए अब जब अगस्त के महीने में आमतौर पर पर्यटन व्यवसाय परवान पर पहुंचना शुरू होता है. तब कारोबारी सैलानियों के नहीं आने से परेशान नजर आने लगे हैं. एक तरफ राजस्थान सरकार नई पर्यटन नीति का ऐलान कर चुकी है, तो दूसरी तरफ इन कारोबारियों ने अपने स्तर पर ही प्रयास शुरू किए हैं.
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देशभर में अनलॉक इंडिया की तीसरी प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है. इस दौर में 'अनलॉक टूरिज्म' की टीम को लेकर दिल्ली के व्यापारियों ने कोविड-19 के भय से लोगों को दूर करने की ठानी है. लिहाजा इन लोगों ने राजस्थान का चुनाव किया और यहां के ग्रामीण परिवेश में बने पर्यटन स्थलों को दुनिया के सामने रखने की कोशिश की. इन लोगों ने इसके लिए हेरिटेज से जुड़े पर्यटन स्थलों का चुनाव किया और दिल्ली से लेकर गीजगढ़ तक की एक रोड ट्रिप को पूरा करके सकारात्मक संदेश की पेशकश दुनिया के सामने रखने की ठान ली.