जयपुर. राज्य सरकार ने एक बार फिर प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehron Ke Sang Abhiyan) को लेकर के कमर कसी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को नगरीय विकास, स्वायत्त शासन और आवासन के अधिकारी यूडीएच मंत्री के आवास पर जुटे. यहां अभियान की आगामी रूपरेखा तैयार करते हुए मास्टर प्लान, जोनल डेवलपमेंट प्लान को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. इस दौरान अवैध रूप से बसी कॉलोनियों में पट्टा देने के सरलीकरण पर विचार विमर्श किया गया. साथ ही डेढ़ महीने से बंद पड़े प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविरों को जल्द दोबारा शुरू करने को लेकर योजना बनाई गई.
प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर लगाए जा रहे शिविरों को कोरोना के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया था. अब कोरोना गाइड लाइन में शिथिलता आने के बाद एक बार फिर अभियान को गति देने के लिए यूडीएच और एलएसजी विभाग के अधिकारियों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ मंथन (Shanti Dhariwal meeting with officials) किया. साथ ही पेंडेंसी खत्म करते हुए नए आवेदन आमंत्रित करने को लेकर अभियान की रूपरेखा तैयार की.
अभियान को गति देने के लिए शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बैठक यह भी पढ़ें- प्रशासन शहरों के संग अभियान को गति देने के लिए धारीवाल लेंगे अधिकारियों की क्लास, जेडीए ने दोबारा कैंप के लिए कसी कमर
निकायों को 69ए, स्टेट ग्रांट, कच्ची बस्ती, अप्रूव्ड लेआउट प्लान को लेकर दिशा- निर्देश दिए गए. साथ ही जिन नगरीय निकायों के जोनल प्लान तैयार नहीं हुए हैं, उनका प्लान तैयार कर वहां बसी कॉलोनियों के लोगों को जल्द से जल्द पट्टे देने के निर्देश दिए. धारीवाल ने सरकार की ओर से दी गई रियायतों की जानकारी आम जनता को पूर्ण रूप से नहीं पहुंचने पर अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. साथ ही निर्देश दिए कि अभियान के दौरान दी जा रही छूट और जानकारी आम जनता को उपलब्ध कराएं ताकि लोग अपने मकान के पट्टे के लिए स्वेच्छा से आवेदन कर सकें.
अभियान की यह रहेगी आगामी रूपरेखा
- कम सुविधा क्षेत्र पर भी राज्य सरकार ने की पट्टे बांटने की तैयारी.
- कृषि भूमि पर बसी हजारों कॉलोनियां के नियमन के लिए कट ऑफ डेट 17 जून 1999 से बढ़ाकर दिसम्बर, 2018 निर्धारित की जाएगी.
- जहां भूखंड और सुविधा क्षेत्र का अनुपात 60:40 की बजाए 70:30 है, उन सभी कॉलोनियों के नियमन की राह खुल जाएगी.
- हालांकि कट ऑफ डेट बढ़ाने के लिए भू राजस्व अधिनियम में बदलाव करना होगा.
- सरकार अवाप्तशुदा जमीन पर बसी कॉलोनियों में भी पट्टा देगी.
- आवासन मण्डल ने अपनी अवाप्तशुदा जमीन पर पट्टा देने का मांगा अधिकार.
- आवासन मण्डल की जमीन पर ऐसी करीब 125 कॉलोनियां हैं, इनमें अकेले जयपुर शहर में 81 हैं.
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धारीवाल के आवास पर यूडीएच सलाहकार डॉ जीएस संधू, प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा, स्वायत्त शासन सचिव जोगाराम, जेडीए आयुक्त गौरव गोयल, आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा, डीएलबी डायरेक्टर हृदेश शर्मा, जेडीए सचिव उज्ज्वल राठौड़, चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय आदि मौजूद रहे.