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3 महीने पहले ही बेनीवाल, बसपा समेत छोटे दल 21 फीसदी वोट ले उड़े थे...इस बार भी कमर कसी - Third Front

विधानसभा के बाद अब लोकसभा के सियासी मैदान पर भी दमखम दिखाने के लिए कई छोटे दलों ने कमर कस ली है. ये दल पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर सकते हैं....

कांसेप्ट इमेज।

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Published : Mar 23, 2019, 12:58 PM IST

जयपुर . विधानसभा के रण में दमखम दिखा चुके तीसरे मोर्चे के रूप में कई राजनीतिक दल अब लोकसभा के सियासी मैदान में उतरने के लिए कमर कस चुके हैं. राजस्थान की सियासी जमीन पर भाजपा-कांग्रेस की ओर से बिठाए जा रहे समीकरणों के बीच बसपा, रालोपा समेत कई दल भी चुनावी ताल ठोक रहे हैं. इन दलों के सियासी सुर को देखते हुए सियासी हलकों में चर्चाओं के साथ ही कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे हैं.

दरअसल, राज्य में तीन महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा, रालोपा, बीटीपी समेत कई छोटे दलों ने अपना असर दिखाया था. भाजपा-कांग्रेस के तमाम समीकरण के बाद भी ये सभी दल और निर्दलीय मिलकर करीब 21 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे. इन दलों की एंट्री के बाद विधानसभा चुनाव के दौरान कई सीटों के समीकरण बिगड़ गए थे. इसके बाद अब एक बार फिर इन दलों ने राजस्थान के मैदान में ताल ठोकते हुए उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर चुकी हैं. लोकसभा के सियासी मैदान में उतरने की बात कहते हुए. लेकर बसपा और हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने सभी 25 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने करीब 20 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारने के संकेत दिए हैं. इस बीच वामपंथी दल भी राजस्थान की करीब आधा दर्जन सीटों को लेकर ताल ठोक रही हैं.

राजनीति के जानकारों का मानना है कि छोटे दलों के मैदान में उतरने पर विधानसभा की तरह ही लोकसभा के चुनाव में भी कई सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के समीकरणों पर असर पड़ सकता है. हालांकि, ये असर कितना होगा, इसको लेकर अभी ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन, ये तय है कि क्षेत्रीय दलों के मैदान में आने के संकेत के साथ ही दोनों प्रमुख दलों के भीतर भी चिंता की लकीरें खिंचती दिखाई देने लगी हैं. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार सियासत के मैदान में उतरी हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. साथ ही कई सीटें ऐसी भी रही हैं, जहां पर पार्टी के प्रत्याशियों ने वोट काटते हुए समीकरणों को बिगाड़ने के काम किया था. इसके बाद अब बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव को लेकर भी एलान करते हुए कहा है कि वे सभी 25 सीटों पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारेंगे. जानकारों का कहना है कि बेनीवाल की पार्टी इस चुनाव में भी कई सीटों पर सियासी समीकरण को बिगाड़ सकती है. बात अगर सीटों की हो तो इसमें नागौर सीट का नाम सबसे पहले आता है.

इस जिले के खींवसर विधानसभा क्षेत्र से बेनीवाल विधायक हैं. बेनीवाल ने अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. लेकिन माना जा रहा है कि यदि वे सभी 25 सीटों पर उम्मीदवारों को मैदान में उतारते हैं तो कई सीटों पर प्रमुख दलों की राहें चुनौतीपूर्ण कर सकते हैं. वहीं, बसपा ने भी राजस्थान में सभी 25 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कह चुकी बसपा ने अभी अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले हैं. लेकिन, सूत्रों की मानें तो पार्टी का विशेष फोकस यूपी से सटे जिलों पर रहेगा. इन क्षेत्रों में बसपा का असर लगभग हर चुनाव के दौरान देखने को मिला है. ऐसे में पार्टी के रणनीतिकार इन सीटों पर विशेष फोकस रखते हुए सियासी कदम आगे बढ़ा रहे हैं. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जिसके बाद राजस्थान के सियासी जमीन पर पार्टी नेताओं का उत्साह बढ़ा हुआ है. उधर, आम आदमी पार्टी भी राजस्थान में करीब 20 सीटों पर चुनाव लड़न के संकेत दे रही है. बताया जा रहा है कि हाल में पार्टी के प्रत्याशी चयन समिति की बैठक में कई संभावित प्रत्याशियों के साक्षात्कार हुए थे. जिनमें से करीब 20 सीटों के संभावित प्रत्याशियों के नामों की सूची दिल्ली भेजी जा चुकी है. इसी प्रकार राज्य में वामपंथी दल भी कई सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है. बताया जा रहा है कि वामपंथी दल करी 5-6 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं.

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