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SPECIAL: पटरी पर लौटने लगा था पर्यटन...कोरोना की दूसरी लहर से फिर ठप

राजस्थान में 2 जून से सभी पर्यटक स्थलों को सैलानियों के लिए खोल दिया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए शुरुआती दिनों में पर्यटन स्थलों में बहुत कम संख्या में पर्यटक पहुंचे थे. वहीं अब धीरे-धीरे समय स्थिति को देखते हुए पर्यटक पर्यटन स्थलों पर भ्रमण के लिए पहुंच लगे हैं. ऐसे में एक बार फिर से कोरोना लहर की वजह से पर्यटन उद्योग पर ग्रहण लग गया है. देखें पूरी रिपोर्ट...

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कोरोना की दूसरी लहर से पर्यटन फिर ठप

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Published : Nov 30, 2020, 8:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 2 जून से सभी पर्यटक स्थलों को सैलानियों के लिए खोल दिया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए शुरुआती दिनों में बहुत कम संख्या में पर्यटक पर्यटन स्थलों पर पहुंचे थे. लेकिन अब धीरे-धीरे समय स्थिति को देखते हुए पर्यटक पर्यटन स्थलों पर भ्रमण के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना काल के प्रभाव से बाहर निकलने के लिए राजस्थान के पड़ोसी राज्यों से पर्यटक घूमने के लिए राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं.

कोरोना की दूसरी लहर से पर्यटन फिर ठप

प्रदेश का आईकॉनिक पर्यटक स्थल आमेर महल में हाथी सवारी वापस शुरू होने से पर्यटकों में भी खुशी है. हाथी सवारी शुरू होने की सूचना पर प्रदेश के पड़ोसी राज्य दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब से पर्यटक हाथी सवारी के लिए अब पहुंचने लगे हैं. पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की चहलकदमी बढ़ने से पर्यटन उद्योग में भी उछाल आने लगा है. पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग लोगों के चेहरों पर अब खुशी छलकने लगी है. आने वाले समय में हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचने की उम्मीद है.

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पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मानें तो कोरोना काल ने पर्यटन पर काफी प्रभाव डाला है. अब देश में किसान आंदोलन और शादियों के सीजन के चलते पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की संख्या कम होने लगी है. वहीं पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्मारकों पर लाइटिंग की जा रही है. रात्रि काल पर्यटन स्थलों पर रंग बिरंगी रोशनी से लाइटिंग कर पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पर्यटक पर्यटन स्थलों की ओर पहुंचें, जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को पुनः रोजगार मिले.

पर्यटन उद्योग से जुड़े राधा मोहन गुप्ता का कहना है कि करीब 46 प्रतिशत लोग पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं. इन लोगों को पर्यटकों के माध्यम से ही रोजगार मिलता है और इनके परिवार का पालन पोषण भी चलता है. कोरोना काल में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति बनने लगी तो देश में किसान आंदोलन ने पर्यटकों को आने से रोक दिया है. वहीं शादियों के सीजन के चलते भी पर्यटक पर्यटन स्थलों पर कम नजर आने लगे हैं. ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की मांग है कि सरकार किसान आंदोलन की समस्या को दुरुस्त करे, ताकि पर्यटन व्यवसाय सामान्य स्थिति में आ सके.

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कोरोना की वजह से होटल, हस्तशिल्प समेत पर्यटन से जुड़े व्यवसायों की भी हालात ठीक नहीं हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो लॉकडाउन के बाद जून महीने में पर्यटक स्थलों को खोल दिया गया था. शुरुआत में तो पर्यटन काफी कमजोर रहा. कोरोना के डर की वजह से पर्यटक भी आने से डरने लगे, लेकिन धीरे-धीरे पर्यटन पटरी पर लौटने लगा था. इसके बाद किसान आंदोलन और शादियों के सीजन के चलते पर्यटन व्यवसाय फिर से ठप हो गया. पर्यटन सीजन की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में अब पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को कई उम्मीदें हैं.

जयपुर के पर्यटक स्थलों पर जून से 24 नवंबर तक पहुंचे सैलानियों की संख्या

पर्यटन स्थल पर्यटकों की संख्या
आमेर महल 106725
जंतर मंतर 40420
हवामहल 50674
अल्बर्ट हॉल 24796
नाहरगढ़ फोर्ट 102748
सिसोदिया रानी बाग 3998
विद्याधर बाग 758
ईश्वरलाट 1518
कुल 331626

आमेर महल में पहुंचे पर्यटक

माह पर्यटकों की संख्या पर्यटन से आय
जून 585 26510
जुलाई 3469 145080
अगस्त 15230 655750
सितंबर 18542 424675
अक्टूबर 30130 1272985
नवंबर 37515 1272985
कुल 105471 3225440

देशभर में कोरोना महामारी के चलते पर्यटन ढांचा भी चरमरा गया. 18 मार्च को सभी पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया था. इसके साथ ही होटल रिसोर्ट रेस्टोरेंट समेत सभी पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया था, जिससे पर्यटन उद्योग को अरबों का नुकसान हुआ. लॉकडाउन के बाद 2 जून से पर्यटक स्थलों को खोला गया. 8 जून से होटल इंडस्ट्री को भी शुरू कर दिया गया. 30 जून तक पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पाई, लेकिन धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने से अक्टूबर महीने में राजधानी जयपुर के पर्यटक स्थलों पर 96954 सैलानियों ने भ्रमण किया. अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बंद होने की वजह से विदेशी सैलानी नहीं पहुंच पा रहे हैं. विदेशी पर्यटक वापस से जयपुर आए, जिससे एक बार फिर पर्यटन व्यवसाय पटरी पर लौटेगा.

अनलॉक के अंतर्गत दोबारा से राजस्थान में पर्यटन गुलजार तो हुआ, लेकिन वापस कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पर्यटन व्यवसाय की स्थिति खराब हो गई. लॉकडाउन के बाद शुरुआती 2 महीने तो पर्यटक आने से डरते रहे थे, लेकिन कोरोना का डर आमजन के मन से जैसे जैसे कम हुआ, वैसे वैसे लोग अपने घरों से बाहर निकलने लगे. सर्दियों के समय पर्यटन सीजन रहता है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि राजस्थान का पर्यटन दोबारा से अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा. कोरोना काल से पहले पर्यटन का ढांचा मजबूत हुआ करता था.

जयपुर में 2019 और 2020 में पर्यटकों की संख्या

माह वर्ष 2019 वर्ष 2020
जून 359131 8806
जुलाई 55955 19423
अगस्त 450412 55801
सितंबर 387497 84633
अक्टूबर 477917 114988

आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन के बाद पर्यटन में वृद्धि होने लगी, लेकिन शादियों के सीजन और किसान आंदोलन के चलते पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. इस समय पर्यटन सीजन चल रहा है, लेकिन पिछले सालों के मुकाबले इस बार पर्यटक बहुत कम आ रहे हैं. शादियों का सीजन और किसान आंदोलन खत्म होने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. किसान आंदोलन और कोरोना का पर्यटन व्यवसाय पर बहुत असर पड़ा है. जब तक इंटरनेशनल फ्लाइट चालू नहीं होती, तब तक विदेशी सैलानियों का आना मुश्किल है.

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हवा महल अधीक्षक सरोजिनी चंचलानी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जून महीने में पर्यटन स्थल खोल दिए गए. धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई. शुरू शुरू में जब यह लॉकडाउन था तो लोगों में भय था, लेकिन अब धीरे-धीरे सब निकल रहा है. पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं. कोविड-19 गाइडलाइन का पालन पूरी तरह से किया जा रहा है. बिना मास्क पर्यटकों को एंट्री नहीं दी जाती. प्रवेश द्वार पर सैनिटाइज करने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाता है. कई बार बिना मास्क बाहर भी कोई नजर आ जाता है, तो उसको मास्क भी दिया जाता है. टूरिस्ट पैलेस पर होमगार्ड के जवान भी तैनात रहते हैं और पूरा स्टाफ पर्यटक को की निगरानी रखता है, ताकि किसी भी तरह से गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं हो.

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि शुरुआती दौर में पर्यटकों के अंदर डर का माहौल था. जिसकी वजह से एक गिने-चुने पर्यटक ही घूमने आते थे. धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पर्यटकों की संख्या कम हो गई. पर्यटक भी जागरूक है, स्वयं अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हैं. सभी पर्यटक मास्क लगाकर ही पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं. जैसे-जैसे पर्यटकों की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे पर्यटन व्यवसाय में भी उछाल आता है. लॉकडाउन के दौरान पर्यटक स्थल बंद होने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ा. सबकी आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी, लेकिन अब पर्यटन शुरू होने के बाद वापस से उम्मीदें जगने लगी हैं.

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