जयपुर. कोरोना वायरस का ही असर है कि आज प्रदेश में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर तमाम सेवाओं पर रोक लगा दी गई है. आवश्यक सेवाओं में सबसे ऊपर आ रही है वह है मेडिकल की दुकान. इसके पीछे कारण है कि लोग मास्क और सैनिटाइजर के साथ दवाई भी आसानी से खरीद सकें. लेकिन कई मेडिकल के स्टोर पर मास्क और सैनिटाइजर को लेकर कालाबाजारी हो रही है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने इसका रियालटी चेक किया. जिसमें चौंकाने वाले हालात दिखे.
बता दें कि जो मास्क 12 मार्च से पहले पांच और 10 रुपए में बिक रहे थे. वहीं आज मनचाही कीमतों पर इन मेडिकल स्टोर पर बिक रहा है और मजबूरी में जनता इन्हें खरीद रही है. यही हालात सैनिटाइजर को लेकर भी हैं. बड़ी दुकानों पर सैनिटाइजर नहीं मिल रहे हैं और छोटी दुकानों पर इनका पर्याप्त भंडारण है लेकिन कीमतें दो से 3 गुना हो गई हैं. हालात यह है कि सैनिटाइजर किस ब्रांड के हैं इसका कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन उनकी कीमत तीन से चार गुना बढ़ाकर यह कहते हुए बेचे जा रहें है कि यह ज्यादा बेहतर क्वालिटी के हैं. साथ ही एमआरपी पर बेचे जा रहे हैं.
सैनिटाइजर और मास्क को लेकर केंद्र सरकार के साफ आदेश हो चुके हैं कि 12 मार्च से पहले जो सैनिटाइजर की कीमत थी उसी कीमत पर यह मास्क और सैनिटाइजर बेचे जाएं, लेकिन धड़ल्ले से इन नियमों का उल्लंघन हो रहा है और लोगों की मजबूरी का मेडिकल स्टोर पर 3 से 4 गुना ज्यादा दाम लेकर फायदा उठाया जा रहा है. खास बात यह है कि अब तक मास्क और सैनिटाइजर क्योंकि औषधि नहीं माने जाते थे ऐसे में औषधि नियंत्रक विभाग भी इस पर कार्रवाई नहीं कर सकता है. केवल पुलिस के भरोसे ही कार्रवाई हो सकती है. इन दिनों प्रदेश में लॉ एंड आर्डर मेंटेन करने और बंद को सफलतापूर्वक करवाने में जुटी हुई है, इसलिए इस ओर पुलिस का भी ध्यान नहीं है.