जयपुर. राजस्थान सियासी संकट के समय सचिन पायलट से कांग्रेस आलाकमान ने वादा किया था कि आपकी जो भी मांगें होंगी उसको कमेटी के माध्यम से पूरी की जाएंगी, लेकिन 10 महीने होने के बाद भी पायलट के मुद्दों पर कमेटी ने कोई फैसला नहीं लिया, जिससे पायलट कैंप में नाराजगी है.
गुरुवार को सचिन पायलट के आवास पर विधायकों की चहलकदमी ने कांग्रेस आलाकमान में खलबली मचा दी है. लोग अनुमान लगा रहे हैं कि कहीं सचिन पायलट भी ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद की तरह बीजेपी में शामिल नहीं हो जाएं या अपनी खुद अलग राह न चुन लें.
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क्या है पायलट कैंप की मांग
- सबसे बड़ी बात मुख्यमंत्री पद की थी, जो पायलट कैंप के विधायक सचिन पायलट के लिए मांग रहे थे.
- प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों में उन कार्यकर्ताओं को भी स्थान हो, जो सचिन पायलट से जुड़े थे.
- प्रदेश की कैबिनेट में शामिल सचिन पायलट समेत अन्य मंत्रियों के विभाग में सरकार की दखलअंदाजी.
- मंत्रिमंडल विस्तार का न होना.
- सचिन पायलट से जुड़े कार्यकर्ताओं का मान सम्मान नहीं होना.
- सचिन पायलट से जुड़े विधायकों के क्षेत्र में काम नहीं होना.
- सरकार की पूरी शक्तियों को अपने में केंद्रित कर लेना.