जयपुर. साल 2012 में राजस्थान प्रशानिक सेवा में टॉप करने वाले RPS महावीर प्रसाद चोटिया को राज्य सरकार ने पुलिस सेवा से विमुक्त कर दिया है. इस संबंध में गृह विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. चोटिया को पूर्व पद 'प्रधानाचार्य शिक्षा विभाग' के पद हेतु विमुक्त किया गया है. गृह विभाग के (ग्रुप-1) की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि महावीर प्रसाद चोटिया में राजस्थान पुलिस सेवा का एक दक्ष अधिकारी होने की क्षमता नहीं है. चोटिया को 2017 मे प्रोबेशन पीरियड के दौरान गोविंदगढ़ (जयपुर) डिप्टी रहते हुए जज के गनमैन से 1.10 लाख की रिश्वत ली थी. न्यायिक अभिरक्षा में होने के कारण राज्य सरकार ने आरपीएस चोटियां को सस्पेंड कर दिया था.
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आरएएस में चयनित होने के बाद भी उन्होंने आरपीएस सेवा का चयन किया. महावीर प्रसाद चोटिया 17 नवम्बर 1994 से 25 नवम्बर 2015 तक पुलिस सेवा में आने से पहले सीकर जिले में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे. चोटिया ने राज्य के गृह विभाग को 23 फरवरी 2018 को लिखित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया कि मेरे पूर्व विभाग शिक्षा विभाग में मेरी 21 वर्ष की स्थाई सेवा का पदाधिकार होने के कारण मुझे मेरे मूल विभाग शिक्षा विभाग में फिर से भेजा जाए. चोटिया को शिक्षा विभाग में प्रत्यावर्तन करने पर पुलिस विभाग ने कोई आपत्ति नहीं जताई और स्वीकृति प्रदान कर दी. लेकिन शिक्षा विभाग ने महावीर चोटिया को कोर्ट के आदेश पर ही नियुक्ति देने की बात कहकर नियुक्ति देने का से इंकार कर दिया.
RPS का आचरण गृह विभाग की शर्त का उल्लंघन
8 जून 2018 को चोटिया ने गृह विभाग को पुनः प्रार्थना पत्र लिखा. प्रार्थना पत्र में चोटिया ने कहा कि मेरी मन स्थिति ठीक नहीं होने कारण शिक्षा विभाग में जाने हेतु अपने प्रार्थना पत्र को वापस लेना चाहते हैं और पुलिस सेवा में ही रहना चाहते हैं. राज्य सरकार द्वारा सक्षम स्तर पर गहनता से प्रकरण की जांच करने पर यह पाया गया कि महावीर प्रसाद का परिवीक्षा अवधि में आचरण गृह विभाग की शर्त संख्या 8 का उल्लंघन है. चोटिया में राजस्थान पुलिस सेवा का दक्ष अधिकारी होने की क्षमता नहीं है. गृह विभाग ने महावीर चोटिया को पुलिस सेवा में लेने से इनकार कर दिया.