जयपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने लोकसभा में राजस्थान में पेयजल संकट समाधान के लिए जल जीवन मिशन की स्थिति से संबंधित प्रश्न पूछे. उन्होंने कहा कि, पिछले 3 वर्षों के दौरान राजस्थान में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए चयनित गांवों का वर्ष-वार और जिलेवार ब्यौरा क्या है.
साथ ही सवाल किया कि, जल जीवन मिशन के प्रत्येक चरण के दौरान कार्यान्वयन के लिए गांवों को शामिल करने के लिए किन-किन मापदंडों पर विचार किया जा रहा है. वहीं, प्रत्येक राज्य और राजस्थान के प्रत्येक जिले में ग्रे-वाटर मैनेजमेंट के कार्यान्वयन, वर्ष वार प्रगति और शामिल वित्तीय परिव्यय कितना है. उन्होंने कहा कि, 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत पंचायती राज संस्थान के लिए आवंटित निधि का 50% और स्वच्छता के लिए निर्धारित किया गया है और यदि हां तो प्रत्येक राज्य और राजस्थान के मामले में प्रत्येक जिले के उपयोग का क्या ब्यौरा है.
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राज्यवर्धन राठौर की तरफ से पूछे गए सवालों का जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने जवाब देते हुए कहा कि, राजस्थान सरकार ने वर्ष 2024 तक राज्य में शेष 88.56 लाख परिवारों को पाइप लाइन से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत योजना तैयार की है. राजस्थान की राज्य सरकार द्वारा दी गई सूचना के अनुसार पाइप लाइन से जलापूर्ति योजना वाले गांवों को जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए उन्हें संवर्धित करके प्राथमिकता प्रदान की गई है.
साथ ही प्रदेश में चालू वित्त वर्ष के दौरान जल जीवन मिशन के अंतर्गत परिवार को नल-जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए कार्यान्वयन 11,744 गांवों की योजना तैयार की गई है. वहीं, पंचायती राज संस्थाओं सहित ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्त आयोग अवार्ड के अंतर्गत अनुदान 50:50 के अनुपात में मूलभूत और प्रायोजनार्थ अनुदान के रूप में प्रदान किया गया है. वित्त मंत्रालय ने 15 जुलाई 2020 को राजस्थान राज्य को पंचायती राज संस्थाओं के लिए 965.50 करोड़ रुपए के प्रयोजनार्थ अनुदान की पहली किश्त जारी कर दी है.