जयपुर. राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर मानसून पूरे देश में छा चुका है. शुरूआती दौर की बारिस के बाद गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है. बारिश के लिए आगामी 7 जुलाई तक इंतजार करना होगा. इसके बाद ही मॉनसून सक्रिय होने की संभावना है.
जानें क्या है असली वजय
जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार जुलाई माह के पहले सप्ताह में मौसम शुष्क रहेगा. इसके पीछे असली वजह है कमजोर पूर्वी हवाएं और तेज पश्चिमी हवाएं. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिम से पूर्व की ओर आने वाली हवाएं गर्म होती हैं जिससे मौसम शुष्क होता है. जबकि पूर्व की हवाएं मानसून को सक्रिय करती हैं और बारिश होती है. यही वजह है कि करीब 10 पहले पहुंचने के बावजूद अभी तक मानसूनी बारिश से राजस्थान के अधिकांश जिले अछूते हैं.
इसे कहते हैं मानसून ब्रेक की स्थिति
स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल पूरे उत्तर भारत में ब्रेक मानसून की स्थिति चल रही है. राजस्थान की अगर बात करें तो कम से कम अगले एक सप्ताह तक यही स्थिती रहने वाली है. उम्मीद जताई जा रही है कि 6 या 7 जुलाई के बाद मानसून फिर सक्रिय हो सकता है. जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के प्रदेश में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की उम्मीद है.
मानसून का पहले आना भी एक वजह
मौसम विशेषज्ञों का मानें तो राजस्थान में अक्सर मानसून की एंट्री जून के आखिरी या जुलाई के पहले सप्ताह में होती है. लेकिन इस बार मानसून करीब 10 दिन पूर्व ही 18 जून को राजस्थान पहुंच गया. हालांकि 19, 20 और 21 जून को प्री-मानसून सक्रिय होने की वजह से कुछ इलाकों में बारिश हुई लेकिन पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून सुस्त पड़ता गया. पूर्वी हवाएं अगर समय पर असर दिखाती तो शायद अब तक अच्छी बारिश दर्ज हो चुकी होती.