जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने आरयूएचएस के निश्चेतना विभाग में यूटीबी पर तैनात सह-आचार्य को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश डॉ. कुमार असनानी की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा है कि राज्य सरकार आवश्यकता अनुसार याचिकाकर्ता चिकित्सक की आरयूएचएस या अन्य किसी अस्पताल में सेवाएं लेने के लिए स्वतंत्र है.
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याचिका में कहा गया कि उसे यूटीबी पर आयूएचएस में सह-आचार्य पद पर नियुक्त किया गया था. वहीं, कोरोना संक्रमण के वर्तमान भयावह हालात होने के बावजूद उसे पद से हटा दिया गया है. राज्य सरकार एक ओर अंतिम वर्ष में अध्ययनरत एमबीबीएस विद्यार्थियों की सेवाएं ले रही है और दूसरी तरह याचिकाकर्ता को सेवा से हटाया गया है. ऐसे में जब तक पद पर नियमित भर्ती नहीं हो जाती, तब तक याचिकाकर्ता को काम करने से नहीं रोका जाए.
दूसरी ओर राज्य सरकार और आरयूएचएस की ओर से कहा गया कि निश्चेतना विभाग में पहले से तीन सह-आचार्य काम कर रहे हैं. ऐसे में विभाग को याचिकाकर्ता की आवश्यकता नहीं है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पद से हटाने पर रोक लगा दी है.
कांस्टेबल चालक भर्ती-2020, हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल चालक भर्ती-2020 में अधिक अंक के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर गृह सचिव, डीजीपी और एसपी दौसा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश बनवारी लाल शर्मा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने भर्ती के सभी चरणों को उत्तीर्ण किया है. इसके अलावा उसके पास भारी वाहन चलाने का लाइसेंस भी है. ओएमआर सीट के अनुसार याचिकाकर्ता के अधिक अंक भी आए हैं. इसके बावजूद विभाग ने याचिकाकर्ता को अंतिम चयन सूची में शामिल नहीं किया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.