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Rajasthan High Court: 4 साल पुराने मामले में करण जौहर, हार्दिक पांड्या और केएल राहुल को राहत, जानिए क्या है मामला

फिल्ममेकर करण जौहर, क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल को राजस्थान हाईकोर्ट ने राहत दी है. कोर्ट ने 2019 में तीनों के खिलाफ दर्ज एक एफआईआर को निरस्त कर दिया (Court dismissed FIR) है. तीनों पर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. वहीं पांड्या पर बाबा साहेब अंबेडकर पर कथित रूप से अपशब्द लिखने का आरोप लगाया गया था.

Rajasthan High Court dismissed FIR against Karan Johar, Hardik Pandya and KL Rahul
4 साल पुराने मामले में करण जौहर, हार्दिक पांड्या और केएल राहुल को राहत, जानिए क्या है मामला

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Published : Aug 2, 2022, 4:26 PM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ के जस्टिस डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत ने फिल्म निर्माता करण जौहर, क्रिकेटर हार्दिक पांड्या व केएल राहुल के खिलाफ जोधपुर के लूणी थाने में दर्ज अपराधिक मामले में बड़ी राहत देते हुए एफआईआर को निरस्त कर दिया (Court dismissed FIR) है.

तीनों की ओर से अलग-अलग याचिकाएं पेश की गई थीं. जिसमें पूर्व में कोर्ट ने अनुसंधान पर अंतरिम रोक लगाते हुए गिरफ्तार नहीं करने का आदेश पारित किया था. अब लूणी थाना पुलिस ने मामले में अनुसंधान पूरा करने के बाद अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी. पुलिस की अंतिम रिपोर्ट पेश होने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने तीनों को राहत देते हुए एफआईआर को रद्द करने के लिए दायर याचिका को निस्तारित कर दिया.

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मामले के अनुसार जोधपुर के लूणी थाने में देवाराम की ओर से फिल्म निर्माता करण जौहर, क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल पर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर 13 जनवरी, 2019 को एक मुकदमा दर्ज करवाया था. पांड्या पर आरोप था कि उसके ट्विटर से बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ कथित रूप से अपशब्द लिखकर भावनाओं को आहत किया गया है. वहीं कॉफी विद करण शो के दौरान महिलाओं पर अभद्र एवं लैंगिक टिप्पणी के आरोप लगाते हुए करण जौहर, हार्दिक पंड्या और केएल राहुल को आरोपी बनाया गया था.

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कोर्ट में हार्दिक के अधिवक्ता ने कहा जिस ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया है, वो फर्जी है. उनका आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है. जबकि उन्होंने किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं की है. बाबा साहेब और संविधान में उनकी पूरी श्रद्धा है. पुलिस ने पूरे मामले में अनुसंधान के बाद अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी है. अंतिम रिपोर्ट को देखते हुए हाईकोर्ट ने भी याचिका को निस्तारित कर दिया है.

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