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शिक्षा मंत्री से वार्ता के बाद निजी स्कूल संचालकों का आमरण अनशन समाप्त, अभिभावकों से 70 फीसदी फीस लेने पर बनी सहमति - शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा

जयपुर में फीस भुगतान की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से चल रहा निजी स्कूल संचालकों का धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से वार्ता के बाद गुरुवार को समाप्त हो गया है. यह धरना प्रदर्शन फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले चल रहा था. इस बीच अभिभावकों से 70 फीसदी फीस लेने पर सहमति बनी है.

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शिक्षा मंत्री से वार्ता के बाद निजी स्कूल संचालकों का आमरण अनशन समाप्त

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Published : Nov 19, 2020, 11:22 PM IST

जयपुर. फीस भुगतान की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से चल रहा निजी स्कूल संचालकों का धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से वार्ता के बाद गुरुवार को समाप्त हो गया है. आमरण अनशन पर बैठी दो महिला स्कूल संचालकों को रतन सिंह पिलानिया ने जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया है. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर यह धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन चल रहा था. फोरम की प्रवक्ता हेमलता शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्री के साथ हुई वार्ता सकारात्मक रही और हमारी अधिकतर मांगें मान ली गई है. इसके बाद आमरण अनशन समाप्त किया जा रहा है.

शिक्षा मंत्री से वार्ता के बाद निजी स्कूल संचालकों का आमरण अनशन समाप्त

फीस भुगतान की मांग को लेकर फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल ऑफ राजस्थान के बैनर तले चल रहे आमरण अनशन में दो महिला स्कूल संचालक हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा पिछले 10 दिन से आमरण अनशन पर बैठी हुई थी. अनशन के दौरान इन दोनों ही महिलाओं की तबीयत भी खराब हुई और इन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था, लेकिन इनका आमरण अनशन जारी रहा. गुरुवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से इन्हें वार्ता के लिए बुलाया गया और निजी स्कूलों के प्रतिनिधिमंडल की मंत्री से वार्ता हुई. फोरम की प्रवक्ता हेमलता शर्मा ने बताया कि फोरम के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से वार्ता की और इस वार्ता में तय हुआ कि सीबीएसई स्कूल 70 फीसदी और राजस्थान बोर्ड पढ़ाने वाली स्कूल में 60 प्रतिशथ तक फीस ले सकते हैं.

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हालांकि यह अंतरिम राहत है. फीस को लेकर अंतिम फैसला को कोर्ट करेगा. बीते महीनों की बकाया फीस का भी अभिभावकों को भुगतान करना होगा. शर्मा ने बताया कि वार्ता में तय किया गया है कि प्रदेश के लिए स्कूल चाहे वह किसी भी माध्यम से बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं, वह फीस लेने के अधिकारी होंगे, हालांकि स्कूलों को आर्थिक पैकेज के रूप में सहायता देने के लिए शिक्षा मंत्री की ओर से मना कर दिया गया है. बीकानेर शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश को भी निरस्त किया जाएगा.

हेमलता शर्मा ने कहा कि आरटीई के तहत पिछले 3 वर्षों से बकाया भुगतान ब्याज के साथ 15 दिन में स्कूलों को दे दिया जाएगा. इसके लिए शिक्षा मंत्री ने हां कर दी है. यदि कोई विद्यार्थी टीसी लेना चाहता है तो उसे टीसी देने की दिनांक तक सभी शुल्क देने होंगे. फीस भुगतान नहीं करने वाले छात्र ऑनलाइन क्लासेज नहीं ले सकेंगे. हेमलता शर्मा के अनुसार शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिजली पानी से संबंधित समस्याओं का समाधान भी संबंधित विभाग से बात करके करा दिया जाएगा. आरटीई पोर्टल प्राइवेट स्कूलों के लिए भी खोला जाएगा.

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आरटीई पोर्टल को लेकर प्राइवेट स्कूलों और सरकारी स्कूलों में समानता रहेगी. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए अगले सप्ताह एक मीटिंग का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 5 प्राइवेट स्कूलों के पदाधिकारी और 5 सरकारी लोग शामिल होंगे. मान्यता के लिए भू-रूपांतरण की बाध्यता से 2 वर्षों के लिए राहत प्रदान की गई है. हेमलता शर्मा ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने 1 दिसंबर से 9 से 12 तक की कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने को कहा है और उसके बाद छोटी क्लासेज शुरू की जाएगी. हेमलता शर्मा ने कहा कि हमारी 15 सूत्रीय मांग पत्र था, जिनमें से अधिकतर मांगे मान ली गई है. अनशन तोड़ने के बाद प्रवक्ता हेमलता शर्मा, सीमा शर्मा, रतन सिंह पिलानिया सहित निजी स्कूल संचालकों और शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का आभार भी जताया.

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