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अनलॉक में बढ़ने लगा प्रदूषण, आज सर्वाधिक प्रदूषण जैसलमेर में

21वीं सदी में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरा है. अब एक बार फिर प्रदेश के अंतर्गत प्रदूषण भी बढ़ने लगा है. जहां 22 मार्च को देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था और लॉकडाउन के चलते सभी परिवहन के साधनों को बंद कर दिया गया था, जिससे आमजन को शुद्ध हवा भी मिलने लगी थी. लेकिन अनलॉक के बाद दोबारा से जीवन तो पटरी पर आने लगा, लेकिन हवा की गुणवत्ता एक बार फिर खराब होने लग गई.

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अनलॉक में बढ़ने लगा प्रदूषण

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Published : Sep 29, 2020, 7:15 PM IST

जयपुर.देश भर में कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में अब एक बार फिर प्रदेश के अंतर्गत प्रदूषण भी बढ़ने लगा है. लॉकडाउन के चलते सभी परिवहन के साधनों को बंद कर दिया गया था, जिससे आमजन को शुद्ध हवा भी मिलने लगी थी. लेकिन अनलॉक में दोबारा से जीवन पटरी पर आने लगा. लेकिन हवा की गुणवत्ता एक बार फिर खराब होने लग गई है. क्योंकि अनलॉक के दौरान कुछ परिवहन के साधनों को सरकार के द्वारा छूट दी गई थी, जिसके चलते हवा में प्रदूषण फैलने लग गया था.

बता दें कि लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर में रोजाना प्रदूषण 80 के ऊपर बना हुआ रहता है. वहीं लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण गिरकर 50 के नीचे आ गया था. साथ ही एयर क्वालिटी इंडेक्स गिरा था. लेकिन अब राजधानी जयपुर में परिवहन के साधनों को छूट दी गई और धीरे-धीरे वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई और लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स भी बढ़ने लगा. ऐसे में अब अनलॉक वन और 2.0 के बजाय लगातर प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

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राजधानी जयपुर की बात की जाए तो राजधानी जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 101 दर्ज किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण वाले शहर की बात की जाए तो सर्वाधिक प्रदूषण आज जैसलमेर में दर्ज किया गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों को देखें तो जैसलमेर के अंतर्गत एयर क्वालिटी इंडेक्स 168 दर्ज किया गया है. इसके साथ ही पाली में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 85, अलवर में 90, उदयपुर में 65, कोटा में 82 और सबसे कम अजमेर में 60 दर्ज किया गया है.

बता दें कि अब कोरोना वायरस जीवन दोबारा से पटरी पर आने पर लगा है. ऐसे में परिवहन के साधनों को छूट दी गई है. लगातार परिवहन के साधनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर एक बार फिर लॉकडाउन से पहले वाले स्तर पर पहुंचा गया है, जिसके साथ ही लगातार आबोहवा भी अशुद्ध होने लगी है.

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