जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोवार को पेयजल सिंचाई और लघु सिंचाई की अनुदान मांगों पर बहस चल रही थी. इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश कर दिया. जो आरएलपी के विधायक इंदिरा देवी और पुखराज गर्ग को पुलिस पूछताछ के लिए 2 मार्च को नागौर में पेश होने का नोटिस देने के मामले में है. राठौर ने नियमों के मुताबिक 10 विधायकों के हस्ताक्षर करवाकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया.
राठौर ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की इजाजत मांगते हुए कहा कि बंजारों के मकान तोड़ने के मामले में हुए आंदोलन में पूछताछ के लिए रालोपा विधायक पुखराज गर्ग और इंदिरा बावरी को पुलिस ने पूछताछ कर नोटिस भेजा. राठौर ने कहा कि जब सदन चल रहा है तो ऐसे में पुलिस विधायक से पूछताछ करने के लिए कैसे बुला सकती है? राठौड़ ने कहा कि दोनों विधायकों के घर नोटिस चस्पा किए गए हैं, जो सीधे तौर पर एक विधायक का विशेषाधिकार हनन का मामला है. नियमों में छूट देते हुए इस मामले में विशेषाधिकार हनन का मामला माना जाए.
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इसपर सदन के स्पीकर सीपी जोशी ने मामले में दोनों रालोपा विधायकों जिनको नोटिस मिला है, उन्हें बोलने की इजाजत दी. इस दौरान इंदिरा बावरी ने सदन में कहा कि पुलिस हमारे बच्चों को धमका रही है. रविवार रात 9:00 बजे मेरे घर पुलिस आई, उस समय घर पर बच्चे थे. पुलिस वालों ने बच्चों को धमकाया की मम्मी को दिखाओ. पुलिस को यह अधिकार किसने दिया कि किसी एमएलए के घर जाकर इस तरीके से बात करें. बंजारों के मकान तोड़ने की घटना में मैं केवल सलाह देने गई थी और पुलिस हमें धमका रही है.
इसके बाद रालोपा विधायक पुखराज गर्ग ने सदन में कहा कि बंजारों के मकान तोड़ने की घटना में हमने राजकार्य में कोई बाधा नहीं पहुंचाई. पुलिस वाले हमें जयपुर आकर धमका रहे हैं, हमारे यहां सदन में रहना जरूरी है या पुलिस के सामने पूछताछ के लिए जाना जरूरी है? साथ ही कहा कि एफआईआर दर्ज होना आरोप सिद्ध होना नहीं होता है, हमें किस आधार पर आरोपी लिखा जा रहा है. हमारी बेज्जती करने हमें धमकाने के लिए पुलिस इस तरह के काम कर रही है.