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'वन नेशन वन वैक्सीन वन रेट' आज की सबसे बड़ी जरूरत, राजनीति और चुनाव तो आते-जाते रहेंगे: सचिन पायलट

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के प्रबंधन को लेकर चिंता जाहिर करते हुए बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि आज 'वन नेशन वन वैक्सीन वन रेट' की सबसे ज्यादा जरूरत है. उन्होंने कहा कि राजनीति और चुनाव तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन वैक्सीन और ऑक्सीजन लोगों को नहीं मिली तो भविष्य की पीढियां हमें माफ नहीं करेंगी.

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पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट

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Published : Apr 22, 2021, 8:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोविड के गहराते प्रकोप के समय में वैक्सीन, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के प्रबंधन को लेकर चिंता जाहिर करते हुए बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि इस समय जब देश में रोजाना तीन लाख से अधिक कोविड केस रिपोर्ट होने लगे हैं, सभी को प्रमुख रूप से जीवन बचाने पर ही ध्यान देना होगा.

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पायलट ने अपने बयान में कहा कि राजनीति और चुनाव तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन समय पर जनता को वैक्सीन नहीं लगी और सभी जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन और रेमडेसिविर जैसी जीवन रक्षक दवाई नहीं मिली तो भविष्य की पीढियां हमें माफ नहीं करेंगी. उन्होंने वैक्सीन की एक डोज की चार दरों के निर्धारण पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि जिस वैक्सीन को भारत सरकार दो निर्माताओं से 157 रुपए की दर से खरीद रही है, उसी वैक्सीन की 6 करोड़ डोज पीएम केयर फंड के माध्यम से एक निर्माता से 210 रुपए और 1 करोड़ डोज दूसरे निर्माता से 310 रुपए में खरीदी गई है, जिससे जनता के मन में सवाल उठ रहे हैं.

जनता को भारी कठिनाई में डाल दिया है

पायलट ने कहा कि एक ही वैक्सीन के तीन दाम तय करके भारत सरकार ने भविष्य के लिए जनता को भारी कठिनाई में डाल दिया है. यह बहुत ही विचित्र निर्णय है कि एक ही वैक्सीन भारत सरकार को 150 रुपए में, राज्य सरकारों को 400 रुपए में और निजी अस्पतालों को 600 रुपए में सप्लाई की जाएगी.

'वन नेशन वन वैक्सीन वन रेट' आज की सबसे बड़ी जरूरत है, जिससे वैक्सीन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नियंत्रण हो सके. उन्होंने कहा कि सभी दलों की राज्य सरकार कोविड के संकट से अपने संसाधनों के साथ पहले से ही जूझ रही है, ऐसे में वैक्सीन का खर्च केंद्र सरकार को ही वहन करना चाहिए.

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वैक्सीन की 6 करोड़ डोज के निर्यात पर पायलट ने उठाया प्रश्न

वैक्सीन की 6 करोड़ डोज के निर्यात पर प्रश्न उठाते हुए पायलट ने कहा कि ये बहुत ही अफसोसजनक है कि भारतीय वैक्सीन निर्माता को विदेशी सरकारों ने भारत सरकार से पहले ही आपूर्ति आदेश दे दिए थे. पायलट ने ऑक्सीजन के विफल प्रबंधन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत के विश्व के प्रमुख ऑक्सीजन निर्माताओं में शामिल होने के बावजूद भी सरकार अपने मजबूर मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं दे पा रही.

हवाई मार्ग का उपयोग किया जाए

पायलट ने कहा कि एक तरफ तो कोविड के एक साल में भारत सरकार ने 9300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के निर्यात की इजाजत दे दी और दूसरी तरफ इस एक साल में ऑक्सीजन की सुगम और समय पर हर अस्पताल में आपूर्ति के लिए समुचित व्यवस्थाएं नहीं की. उन्होंने सुझाव दिया है कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए आवश्यक हो तो हवाई मार्ग का उपयोग किया जाए.

पायलट ने की अपील

रेमडेसिविर की दरों को देरी से ही सही परंतु अब कम करने पर संतोष जाहिर करते हुए पायलट ने प्रश्न किया है कि पिछले 6 महीनों में 11 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात करने की इजाजत देना आज देश के गंभीर मरीजों के लिए भारी पड़ रहा है. अस्पतालों में रेमडेसिविर नहीं है और इसकी कालाबाजारी होने लगी है, इतना ही नहीं नकली रेमडेसिविर के स्टॉक पकड़ में आ रहे हैं. पायलट ने अपील की है कि भारत सरकार को पारदर्शी तरीके से सभी राज्य सरकारों के साथ बात करके जनता के कष्ट को दूर करने के कदम उठाने होंगे.

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