जयपुर. अब घर बैठे ही भू-नामान्तरण, गिरादवरी रिपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही जमाबंदी और भू- नक्शे एक क्लिक पर प्राप्त कर सकते हैं. राजस्व दिवस पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि 369 तहसीलों में से 311 तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुके हैं. शेष तहसीलों को भी जल्द ऑनलाइन किया जाएगा जिससे लोगों के दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. राजस्व विभाग के कार्यों का डिजिटलाइजेशन होने से आम लोगों को काफी फायदा होगा. 12 जिलों की 13 तहसीलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सर्वे- रिसर्वे का कार्य भी किया जा रहा है.
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम का लागू होना किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम था. इससे किसानों को भूमि का मालिकाना हक मिला. सरकार लगातार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पूर्व में बाड़ों के लिए अस्थाई रुप से आंवटित की गई भूमि का स्थाई आंवटन किया गया है. इससे किसान उस भूमि का अब आवासीय या व्यावसायिक रुप में प्रयोग कर सकेंगे. इस अवसर पर नवसृजित तीन तहसीलों करौली जिले की महावीरजी, जोधपुर की सेतरावा और झुंझुनू की मण्डावा के भू-अभिलेखों का ई-लोकार्पण भी किया गया.
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311 तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन : राजस्व राज्य मंत्री
राजस्व राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि 15 अक्टूबर का दिन राजस्व विभाग के लिए विशेष है. राजस्व विभाग राज्य प्रशासन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. विभाग लगातर राज्य के लोगों को सहूलियत देने का प्रयास कर रहा है जिसमें राजस्व कार्यों का डिजिटलाइजेशन एक महत्वपूर्ण कार्य है. उन्होंने बताया कि राज्य की कुल 369 तहसीलों में से 311 तहसीलों के राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुके हैं. ऑनलाइन तहसीलों की जमाबंदी की ई- हस्ताक्षरित नकल किसी भी ई-मित्र अथवा कंप्यूटर से प्राप्त की जा सकती है. भाटी कार्यक्रम में बीकानेर से वर्चुअल माध्यम से जुड़े.