राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

बागी विधायकों पर सरकार की मेहरबानी, मंत्री पद से बर्खास्त होने के बावजूद भी सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं

राजस्थान में बीते दिनों उठे सियासी उठा-पटक के बीच तीन मंत्रियों को अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था. लेकिन अब तक इनको दी जाने वाली सुविधाओं को वापस नहीं लिया गया है. इनसे ना तो बंगला खाली करवाया गया है और ना हीं इनके सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई कमी की गई है.

jaipur latest news, जयपुर समाचार
बागी विधायकों पर सरकार की मेहरबानी

By

Published : Sep 12, 2020, 5:36 PM IST

जयपुर.राजस्थान में पिछले दिनों कोंग्रेस में उठा सियासी बवंडर अब शांत हो गया है. इस सियासी बवंडर में सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले तीन मंत्रियों को उनके पद से भी हाथ भी धोना पड़ा. लेकिन दोनों गुटों में हुए समझौते का असर इतना हुआ कि इन सभी विधायकों से भले ही मंत्री पद छीन लिया हो, किंतु सुविधाओं में सरकार ने कोई कटोती नहीं की. इन मंत्रियों के मंत्री पद गए दो महीने बीतने को है, लेकिन ना बंगला खाली करवाया गया और ना हीं पुलिस चौकी खाली करवाई गई.

बागी विधायकों पर सरकार की मेहरबानी

राजस्थान कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि मरुप्रदेश की सियासत में 10 जुलाई को सियासी बवंडर ऐसा उठा कि उसे शांत होने में एक महीने अधिक यानी 34 दिन लग गए. इस सियासी बवंडर में सरकार की खिलाफत करने वाले तीन मंत्रियों को अपना पद गवाना पड़ा. इसमें उप मुख्यमंत्री पायलट भी शामिल थे. इन सबके बीच बड़ी बात ये कि सरकार ने इनका मंत्री पद तो ले लिया, लेकिन इनको बतौर मंत्री दी जाने वाली सुविधाओं में अभी तक कोई कटौती नहीं की गई.

पढ़ें-पायलट ने लिखा गहलोत को पत्र, मोस्ट बैकवर्ड क्लास को 5 फीसदी आरक्षण देने की उठाई बात

जानकारों की मानें तो किसी भी मंत्री को उसके पद से हटाए जाने के बाद उसे दी जाने वाली सुरक्षा, बंगला और बंगले पर लगी पुलिस चौकी को हटा दिया जाता है. लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार ने ना तो बंगला खाली कराने को लेकर कोई करवाई शुरू की और ना हीं उनके सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई कटौती की.

किस-किस को मंत्री पद से हटाया गया

तत्कालीन उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ ग्रामीण एवं पंचायती राज और सार्वजनिक निर्माण विभाग का जिम्मा संभाल रहे सचिन पायलट, तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और तत्कालीन पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को सरकार के खिलाफत करने की कारण 14 जुलाई को पार्टी स्तर पर बर्खास्त किया गया, जिसे दो दिन बाद राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया.

क्या नियम है

नियमों के अनुसार मंत्री पद जाने के दो महीने के भीतर बंगला खाली करना होता है. अगर कोई भी मंत्री बंगला खाली नहीं करता तो उन्हें नए नियम के अनुसार दस हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी देनी होगी. वहीं, तीनों मंत्रियों को पद से हटाए हुए दो महीने पूरे होने वाले है. लेकिन अभी तक इनमें से एक ने भी बंगला खाली नहीं किया और ना हीं सरकारी स्तर पर इन्हें खाली करने को लेकर कोई नोटिस जारी किया गया. बंगला तो दूर इन सभी बर्खास्त मंत्रियों की ना तो सुरक्षा हटाई गई और ना हीं बंगले पर लगने वाली चौकी को हटाने के लिए कोई कार्रवाई की गई.

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार किसी भी पूर्व मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री को पद से हटने के बाद दो महीने में पद के बतौर मिलने वाली सुविधाओं को हटा दिया जाता है. इस आदेश के अनुसार प्रदेश सरकार के दो महीने में इन सभी से सुविधाओं को हटाना था. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इसको लेकर कोई करवाई शुरू नहीं की गई. जबकि 15 सिंतंबर को इन तीनों मंत्रियों के बर्खास्त हुए दो महीने पूरे होने वाले है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details