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राज्य कर्मचारियों की मांगों को लेकर महासंघ का सरकार से वार्ता विफल, शुक्रवार से जिला कलेक्ट्रेट पर देंगे धरना

गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एकीकृत कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट पर धरना देंने का एलान किया. वहीं कहा कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले कई वादे राज्य कर्मचारी से किए थे. लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया.

एकीकृत कर्मचारी महासंघ, Unified staff federation

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Published : Oct 17, 2019, 11:16 PM IST

जयपुर.राज्य कर्मचारियों की मांगों को लेकर महासंघ और सरकार से वार्ता विफल हो गई है. वार्ता विफल होने के बाद कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतर गए है. गहलोत सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए शुक्रवार से कर्मचारी जिला कलेक्ट्रेट पर धरना देंगे.

राज्य कर्मचारियों का शुक्रवार से जिला कलेक्ट्रेट पर धरना

एकीकृत कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले कई वादे राज्य कर्मचारी से किए थे. लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि वेतन भत्ते बढ़ाने की जब बात आती है तो सबसे पहले मंत्री विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाए जाते हैं. राज्य कर्मचारी जो सरकार का एक अभिन्न हिस्सा है उनके वेतन भत्ते बढ़ाने की बात आती है तो उन्हें वाजिब मांग को टाल दिया जाता है.

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उन्होंने कहा कि वेतन विसंगति को दूर करने के लिए गठित डीसी सामन्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 31 जुलाई 2019 को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सरकार सौंपी थी. लेकिन इस रिपोर्ट को अभी तक लागू नही किया गया. ऐसे में राज्य सरकार की सामंत कमेटी की रिपोर्ट तुरंत प्रकाशित करने की मांग की गई है.

राठौड़ ने कहा कि आज प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के सामने अपने वेतन भत्ते बढ़ाना तो दूर जो वेतन वर्तमान में मिल रहा है, वह भी पूरा नही मिल रहा है. राठौड़ ने आरोप लगया कि राज्य सरकार वित्त विभाग की अधिसूचना 30 अक्टूबर 2017 से 1 जुलाई 2013 से प्रभावित किया गया था. परिणाम स्वरूप 30 अक्टूबर 2017 के पश्चात हुए भुगतान अधिक भुगतान बताते हुए वसूली कार्य प्रारंभ कर दी है.

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उन्होंने वेतन कटौती के आदेश तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग की और वित्त विभाग के पास जुलाई 2013 के आदेश की पालना करने की मांग की है. साथ ही कर्मचारियों की मांग है कि 2004 में नियुक्त राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने सहित कई मांगों में शामिल है.

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