नई दिल्ली. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सोमवार को राज्यसभा में राजस्थान के 13 जिलों के लिए केंद्र में लंबित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर आवश्यक धन राशि उपलब्ध कराने की मांग केंद्र सरकार से की है. उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थानी नहर परियोजना राजस्थान की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है.
ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने की मांग किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि इस परियोजना के तहत मानसून के दौरान चंबल, कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध, मेज नदी के अधिशेष पानी को बनास, मोरेल, बाणगंगा, पार्वती, और कालीसिंध नदी में पहुंचाया जाएगा. परियोजना की हाइड्रो जिलिकी सैद्धांतिक स्वीकृति केंद्रीय जल आयोग की ओर से 8 फरवरी 2016 को जारी की जी चुकी है. इस परियोजना के द्वारा राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, कोटा, बारां, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर को पानी प्राप्त होगा.
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उन्होंने बताया कि इस योजना में 26 वृद्ध और मध्यम सिंचाई परियोजना के जरिए 2 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र की सिंचाई हो सकेगी. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की डीपीआर केंद्रीय जल आयोग को प्रस्तुत कर दी है. मीणा ने बताया कि डीपीआर पर प्राप्त विभिन्न टिप्पणियों पर जल संसाधन विभाग राजस्थान की ओर से पालना की जा रही है.
सांसद मीणा ने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के मध्य अंतर्राज्यीय मुद्दों पर मुख्य बैठक 27 जून 2018 को भोपाल में आयोजित की गई, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्ताव की हाइड्रो जिलिकी के संबंध में कुछ आक्षेप उठाए गए. उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल आयोग और राजस्थान सरकार के मध्य केंद्रीय जल आयोग ने 26 मार्च 2019 को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए आक्षेपों के निराकरण और डीपीआर की शीघ्र स्वीकृति हेतु बैठक आयोजित की है.
किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से 3 जनवरी 2017 और 10 अक्टूबर 2017 को भारत सरकार को लिखे गए पत्रों द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर राजस्थान को आवश्यक धन राशि उपलब्ध कराई जाए और राजस्थान के 13 जिलों को पानी दिलाया जाए.