जयपुर. राजस्थान की 15 वीं विधानसभा का दूसरा सत्र जिसे बजट सत्र भी माना जाएगा 27 जून से शुरू होने जा रहा है, लेकिन इस विधानसभा सत्र से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां अगर हम आपको दें तो वो ये है कि एक ओर जहां विधायकों के सवालों के जवाब देने में लेटलतीफी करने के चलते हमेशा अधिकारी सवालों के घेरे में रहते हैं तो दूसरी ओर सरकारी विभागों में से करीब एक दर्जन विभाग ऐसे हैं जहां पर अभी तक एक भी सवाल नहीं लगाया गया है. खास बात यह है कि इन विभागों में से आधा दर्जन विभाग ऐसे हैं जिनमें विधानसभा का कोई भी हो सवालों की संख्या ना के बराबर होती है. हालांकि विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी का कहना है कि सवाल लगाने का काम सरकार का नहीं विधायकों का होता है लेकिन जिन विभागों में सवाल नहीं भी लगते हैं वह विभाग भी सरकार के लिए उतने ही महत्वपूर्ण है जितने प्रश्न लगने वाले विभाग.
79 विभाग ऐसे हैं जिनमें सवाल ही नहीं लग पाए है. उनमें से इस सत्र में 11 विभागों में अब तक एक भी सवाल नहीं लगा. 17 विभाग ऐसे है जिनमें महज एक से 3 सवाल ही लगे हैं.
विधानसभा का सत्र 27 जून से शुरू होने जा रहा है और विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सवाल भी जमकर लगा रहे हैं. 25 जून तक कुल 2496 सवाल विधानसभा में विधायकों की ओर से रख दिए गए हैं लेकिन आपको बता दें कि प्रदेश सरकार के कुल 79 विभाग हैं जिनमें से अब तक 11 विभागों में एक भी सवाल नहीं लगाया गया है. इनमें उपनिवेशन विभाग, कारखाना और बायलर विपणन विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, निर्वाचन विभाग, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, भाषा विभाग, मुद्रण लेखन और सामग्री विभाग, राजस्थान स्टेट मोटर गैराज विभाग, वक्फ विभाग, संपदा विभाग और संसदीय कार्य विभाग है.