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किसान आंदोलन में शहीद हुए 600 किसानों के लिए कोई शोक प्रस्ताव पारित नहीं हुआ : सत्यपाल मलिक

मेघायलय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) राजस्थान दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि श्वान भी मरता है तो शोक संदेश आ जाता है लेकिन किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में 600 लोग मारे गए. लेकिन दिल्ली से एक भी चिट्ठी नहीं आई. संसद में भी एक नेता नहीं बोला.

Kisan Andolan, Satya Pal Malik
मेघायलय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

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Published : Nov 7, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Nov 7, 2021, 7:38 PM IST

जयपुर. अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया, जो चर्चा का विषय बन गया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में 600 लोग अब तक मारे गए हैं लेकिन दिल्ली से एक भी चिट्ठी नहीं आई. जब श्वान भी मरता है तो शोक संदेश आ जाता है.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को भी कहा था कि आप गलतफहमी में हो, ना तो सिक्खों को हराया जा सकता है और ना ही जाटों को. बिरला सभागार में तेजा फाउंडेशन की ओर से आयोजित ग्लोबल जाट समिट 2021 (Global Jat Summit 2021) में शिरकत करने आए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह सभी बातें कहीं.

सत्यपाल मलिक का किसान आंदोलन को लेकर बयान

मुझे पद से हटाएंगे तो एक मिनट में हट जाऊंगा

उन्होंने कहा कि जब मैं किसानों के मुद्दों पर बोलता हूं तो कंट्रोवर्सी हो जाती है. मेरे शुभचिंतक इसी तलाश में रहते हैं कि मैं कुछ बोलूं और मुझे हटा दें. मुझे दो-तीन लोगों ने गवर्नर बनाया है और यह मुझे पता है कि जब मैं किसान आंदोलन के बारे में बोल रहा हूं तो मैं उनकी इच्छा के विरूद्ध बोल रहा हूं. जब भी मुझे वे लोग कहेंगे मैं तुरंत हट जाऊंगा, एक भी मिनट नहीं लगाऊंगा. पहले दिन से ही यही सोच कर मैं किसानों के समर्थन में बोल रहा हूं.

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सत्यपाल मलिक ने कहा कि देश का कोई भी आंदोलन इतना लंबा नहीं चला. इस आंदोलन में 600 लोग शहीद हो चुके हैं और जब श्वान भी मरता है तो दिल्ली से शोक संदेश आ जाता है लेकिन 600 किसानों का शोक प्रस्ताव आज तक पास नहीं हुआ.

मैंने पीएम से कहा था किसानों के साथ दो काम मत करना

सत्यपाल मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में आगजनी में 5 से 7 लोग मारे गए तुरंत दिल्ली से प्रस्ताव आ गया. लेकिन जब हमारे 600 लोग मारे गए तो किसी नेता ने कुछ नहीं बोला. हमारी वर्ग के जो लोग संसद में बैठे हैं, वे भी खड़े नहीं हुए. जब मैं प्रधानमंत्री से मिला तो मैंने उनको कहा कि आप गलतफहमी में हैं, न तो सिक्खों को हराया जा सकता है और ना ही जाटों को. मलिक ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को कहा था कि किसानों के साथ दो काम मत करना, एक तो इन पर बल प्रयोग मत करना. दूसरा इन्हें खाली हाथ मत भेजना. यह 300 साल तक नहीं भूलने वाली कौम है.

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मलिक ने इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अकाल तख्त को तोड़ा गया था. इंदिरा गांधी ने भी कहा था कि यह लोग मुझे मार देंगे और इंदिरा गांधी को मार दिया गया. जनरल वैद्य को पुणे में जाकर मारा गया और जनरल डायर को लंदन में जाकर मारा था. सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसी चर्चा में सामने आया कि किसान आंदोलन का असर सेना पर भी हो रहा है. उन्होंने मोदी को लेकर कहा कि आज आप ताकतवर हो और घमंड में यह सब कर रहे हो लेकिन भविष्य में इसके क्या क्या परिणाम होंगे. इसका किसी को पता नहीं है. कारगिल युद्ध को लेकर भी सत्यपाल मलिक ने कहा कि जब कारगिल होता है तो किसानों के बच्चों को पहाड़ी पर चढ़ा दिया जाता है. उन्होंने कारगिल युद्ध सरकार की असफलता का ही परिणाम बताया. सरकार की असफलता का दाम किसानों के बच्चों ने चुकाया.

उन्होंने कहा कि किसानों ने एक खंबे पर झंडा टांग दिया था ना कि वहां जहां प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं और उसे खतरनाक तरीके से पेश किया गया. सरकार को किसानों के साथ बैठ कर बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को भी मैंने कहा था कि आप राजा हो और आप किसानों को कहो कि मैं सही हूं, आप गलत हो फिर भी मैं आपकी बात मान रहा हूं क्योंकि मैं आपकी तकलीफ नहीं देख सकता. यदि किसानों की एमएसपी की बात मान ली जाती है तो यह मसला हल हो जाएगा लेकिन एमएसपी के बिना हमारा गुजारा नहीं हो सकता.

सरकार एमएसपी लागू नहीं करना चाहती

एमएसपी के नीचे किसान नहीं मानेंगे और एमएसपी सरकार देना नहीं चाहती. सरकार क्यों नही देना चाहती यह मैं आपको बता नही सकता, लेकिन आप सब जानते है. उन्होंने कहा कि कारपोरेट घरानों का नाम लिए बगैर कहा कि एमएसपी लागू करने से किसी को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि संसद में कानून पास होने से पहले ही पानीपत में अडानी का 500 एकड़ में गोदाम बन गया था.

एमएसपी को कानूनी जामा पहनाना ही पड़ेगा

मलिक ने कहा कि हरियाणा में किसी गांव में चीफ मिनिस्टर हेलीकॉप्टर नहीं उतार सकता. यूपी में किसी रिश्तेदार और गांव में हमारा मिनिस्टर नहीं जा सकता तो ऐसे में दिल्ली में राज करने से क्या फायदा? देश के किसानों की हालत बहुत खराब है और अंत में भी सरकार को किसानों की बात माननी ही पड़ेगी.

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शिक्षा को लेकर कही ये बड़ी बात

सत्यपाल मलिक ने कहा कि आज दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो शिक्षा के मद में कोई कटौती नहीं करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि शिक्षा में कटौती करने से पीढ़ी बर्बाद होती है. आज राज नहीं है, रजवाड़े नहीं है, कारखाने नहीं है, फैक्ट्री नहीं है, पैसा भी नहीं है, इसके बावजूद शिक्षा से ही असली ताकत आती है. शिक्षा से ही व्यक्ति कहीं से कहीं पहुंच जाता है. उन्होंने अमेरिकी विदेश सचिव कोडोलिसा राइस और पूर्व राष्ट्रपति ओबामा का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह दोनों तालीम के जरिए ही अमेरिका के ताकतवर व्यक्ति बने.

महिलाओं को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए

उन्होंने कहा कि आज समाज में ऐसी कुरीतियां है जिसमें अनाप-शनाप पैसा खर्च होता है, ऐसी कुरीतियों को हटा देना चाहिए. उन्हें कहा कि राजस्थान में औरतों में सोना पहनने का क्रेज है. उनके पास आर्थिक तंगी रहती है लेकिन फिर भी सोना खरीदती है. इसको छोड़ कर यहां की महिलाओं को बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब से संसद बनी है तब से आज तक शिक्षा पर बहस नहीं हो रही है. 5-7 महकमों के बजट के साथ शिक्षा के बजट को मर्ज कर पास कर दिया जाता है और यह एक तरह से फांसी देने के समान है.

शिक्षा की गुणवत्ता बेहद खराब

सत्यपाल मलिक ने कहा कि दुनिया में ऐसे कई देश है जहां बहुत सारे नोबेल पुरस्कार विजेता मिल जाएंगे लेकिन हमारे देश में 11 ऐसे लोग हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिले है. इनमें से छह तो विदेशी है. आज तक हम 5 आदमी भी ऐसा पैदा नहीं कर पाए जो नोबेल पुरस्कार ला सकें. हमारे देश में आज तक शिक्षा में बजट का 6 फीसदी से ज्यादा खर्च नहीं हुआ. इसके कारण शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहद खराब है.

Last Updated : Nov 7, 2021, 7:38 PM IST

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