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7 दिन में हमारी मांग नहीं मानी गई तो बड़े प्रदर्शन के लिए तैयार रहे गहलोत सरकार...

मदरसा पैराटीचर्स को मदरसा बोर्ड से निकालने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. मदरसा पैराटीचर्स में मदरसा बोर्ड सचिव के खिलाफ आक्रोश है और उनका कहना है कि यदि 7 दिन में उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो मदरसा बोर्ड का घेराव किया जाएगा.

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मदरसा पैराटीचर्स की सरकार को चेतावनी

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Published : Jun 16, 2020, 7:09 PM IST

जयपुर. प्रदेश में इन दिनों राजस्थान मदरसा बोर्ड की सचिव पूनम प्रसाद सागर सुर्खियों में हैं. जिसके पीछे वजह है उनकी ओर से निकाला गया कुछ दिनों पहले का एक आदेश. सचिव की ओर से निकाला गया यह आदेश इन दिनों मदरसा बोर्ड और राजस्थान सरकार के लिए भी गले की फांस बना हुआ है. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पूरे मामले के बाद राजस्थान मुस्लिम परिषद सहित अन्य दूसरी मुस्लिम संस्थाओं ने भी बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी है.

मदरसा पैराटीचर्स की सरकार को चेतावनी

बता दें कि अब राजस्थान मदरसा पैराटीचर भी उन 5 संविदा कर्मचारियों के साथ है जिन्हें मदरसा बोर्ड से बाहर निकालने का आदेश दिया है. ये पांचों संविदाकर्मी पैराटीचर हैं, लेकिन इनका कार्य स्थल राजस्थान मदरसा बोर्ड कार्यालय था. सोमवार को भी राजस्थान मदरसा पैराटीचर संघ की तरफ से डिजिटल आंदोलन के तहत लगातार ट्वीट किए गए थे. 'शेम ऑन मदरसा बोर्ड सेक्रेटरी' के नाम से 30 हजार से ज्यादा ट्वीट 1 दिन में किये गए.

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राजस्थान मदरसा पैराटीचर संघ के प्रदेश अध्यक्ष आजम खान पठान का कहना है कि 9 जून को राजस्थान मदरसा बोर्ड सचिव की तरफ से एक आदेश या यूं कहें कि एक तुगलकी फरमान जारी किया गया था, जो किसी भी हाल में सही नहीं है. इसलिए हम प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आर पार की लड़ाई की चेतावनी दे रहे हैं कि या तो आदेश को बदल दें या फिर अगले 7 दिनों में राजस्थान मदरसा बोर्ड कार्यालय का घेराव किया जाएगा. इनकी तरफ से 2 सूत्री मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भी दिया गया है. आजम खान पठान का कहना है कि जल्द से जल्द सचिव के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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