जयपुर: राजनीतिक नियुक्ति देने के बाद कांग्रेस के तीन नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने को संविधान के प्रावधानों के खिलाफ बताने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ को कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोर्ट की शरण लेने की नसीहत (Khachariyawas advise BJP Leader Rajendra Rathore) दी है. खाचरियावास ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ केवल इस निर्णय को संविधान के खिलाफ बताकर कोर्ट में जाने का बयान ही देते हैं लेकिन उन्हें कसम है कि वो जल्द ही कोर्ट की शरण में ले लें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
लेटरबाजी करते हैं बीजेपी वाले: राजस्थान विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान खाद्य व आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ये बात कही. खाचरियावास ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ और बीजेपी के लोग केवल बयानों और लेटर बाजी करके ही आरोप लगाते हैं ताकि मीडिया में छप सकें. हालांकि अगर प्रदेश सरकार ने संविधान के खिलाफ कोई काम किया है तो राठौड़ को कोर्ट की शरण लेनी चाहिए जिससे सब कुछ साफ हो जाए केवल आरोप लगाने से ही आरोप सही नहीं हो जाते.
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'भागवत कथा करवा रहे हैं क्योंकि यहां राम राज्य': जयपुर में राजस्थान देवस्थान विभाग भागवत कथा करवा रहा है. इसे लेकर भी राजनीतिक गलियारों में तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. इस का भी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के राज में प्रदेश में राम राज्य है. राम राज्य का मतलब भी यही है कि जनता सुखी हो और विकास की गंगा बहे. खाचरियावास ने कहा हिंदू मुस्लिम की बात बीजेपी करती है जबकि कांग्रेस सभी 36 कौमों के साथ चलती है.
किन राजनैतिक नियुक्तियों पर बवाल: सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे डॉ चंद्रभान, पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा संग पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी को कैबिनेट मंत्री और अन्य सभी बोर्ड निगम अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. डॉ चंद्रमोहन को बीसूका उपाध्यक्ष, ब्रजकिशोर शर्मा को राज्य खादी बोर्ड अध्यक्ष और रामेश्वर डूडी को एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. अब उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया जिस पर राजेंद्र राठौड़ ने संविधान के कुछ अनुच्छेदों में दिए प्रावधानों का हवाला देकर प्रदेश सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था.
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स्मार्टफोन को लेकर उलझी भाजपा:खाचरियावास अपनी रौ में बहे तो उन्होंने भाजपा की स्मार्टफोन वापसी के फैसले को खबरों में बने रहने का जरिया बताया. उन्होंने कहा- स्मार्टफोन वापस देने पर भाजपा नेताओं में आपस में झगड़े हो रहे हैं. दावा किया कि इस वापसी को लेकर भाजपा में हाथापाई होते होते भी बची है. मंत्री बोले- बीजेपी नेता खुद कह रहे हैं कि पहले लैपटॉप क्यों लिया मकान क्यों लिया?