राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

RUHS और अन्य अस्पतालों में खाली बेड्स की संख्या को देखते हुए जयपुरिया अस्पतालों को कोविड मुक्त किया जाए : सराफ - आरयूएचएस

जयपुर में गुरुवार को पूर्व चिकित्सा मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने कोविड अस्पतालों में खाली बेड्स की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से सराफ ने मुख्यमंत्री से जयपुरिया अस्पताल को सामान्य मरीजों के लिए कोविड मुक्त करने की मांग की है.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, MLA Kalicharan Saraf
कोविड अस्पतालों में खाली बेड्स की पर्याप्त उपलब्धता के लिए काली चरण सराफ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

By

Published : Dec 24, 2020, 10:29 PM IST

जयपुर.पूर्व चिकित्सा मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार हो रही कमी और आरयूएचएस सहित शहर के अन्य कोविड अस्पतालों में खाली बेड्स की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मालवीय नगर क्षेत्र के जयपुरिया अस्पताल को सामान्य मरीजों के लिए कोविड मुक्त करने की मांग की है.

सराफ ने कहा कि पूर्व में कोरोना के बिगड़ते हालातों और मरीजों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के कारण तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए जयपुरिया अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड किया गया था, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना की परिस्थितियों में सुधार हो रहा है और मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है जो कि एक सुखद बात है.

सराफ ने पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करते हुए कहा कि चूंकि अब कोरोना की परिस्थितियों में सुखद सुधार हो रहा है और आरयूएचएस और शहर के अन्य अस्पतालों में खाली बेड्स की पर्याप्त उपलब्धता और इस क्षेत्र और आसपास के कॉलोनीवासियों की मांग को देखते हुए जयपुरिया अस्पताल को कोविड मुक्त किया जाए.

पढ़ें-बस्सी में केबल को अंडरग्राउंड करने के दौरान हादसा, मिट्टी ढहने से दो मजदूरों की मौत

उन्होंने कहा कि जयपुरिया अस्पताल मालवीय नगर, सांगानेर और बगरू विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए सबसे सस्ता, सुलभ और अत्याधुनिक सुविधायुक्त सरकारी चिकित्सा केंद्र है. कोरोना काल से पहले सामान्य और गंभीर बीमारियों के लगभग 3 हजार मरीज प्रतिदिन यहां आउटडोर में इलाज के लिए आते थे, लेकिन कोविड डेडिकेटेड घोषित किए जाने के बाद संक्रमण के डर से आउटडोर में आने वाले मरीजों की संख्या में भारी कमी आई है और क्षेत्र की बड़ी आबादी के सामान्य मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details